नई दिल्ली/दि.११- राज्यसभा निर्धारित समापन से दो दिन पहले बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. राज्यों को अपनी ओबीसी सूची तैयार करने वाले संविधान संशोधन विधेयक सहित चार विधेयकों को पारित करने के बाद सदन को स्थगित कर दिया गया. हालांकि, विपक्ष ने सामान्य बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021 का कड़ा विरोध किया, जो सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों में अधिक से अधिक निजी भागीदारी प्रदान करने का प्रयास करता है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन में पारित होने के लिए विधेयक पेश किया. सदन में उस समय जोरदार हंगामा देखने को मिला जब विपक्षी सदस्य वेल में आकर खड़े हो गए. कुछ सदस्य कागज फाड़ते दिखाई दिए. विपक्षी सदस्यों ने मांग की कि विधेयक को सदन की प्रवर समिति के पास भेजा जाए. सदन को दो बार स्थगित किया गया और बाद में विपक्षी सदस्यों ने वाकआउट किया. राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (संशोधन) विधेयक 2021 और राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा प्रणाली आयोग (संशोधन) विधेयक 2021 को बाद में सदन ने पारित किया. बहस के बाद संविधान संशोधन विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया.
सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने विपक्षी सदस्यों के व्यवहार की कड़ी निंदा की. उन्होंने सभापति से विपक्षी सदस्यों द्वारा “घोर अनुशासनहीनता” के मामले को देखने और जांच के बाद कड़ी कार्रवाई करने के लिए एक विशेष समिति बनाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, ‘इस सदन में विपक्ष के नेता ने हमारे मंत्री के हाथ से पेपर छीनकर फेंका. लगातार चेयर का अपमान किया गया और विपक्ष को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए.’ इससे पहले लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई.
मानसून सत्र 19 जुलाई को शुरू हुआ और 13 अगस्त को समाप्त होने वाला था. विपक्ष ने सत्र की शुरुआत के बाद से विभिन्न मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें पेगासस स्पाइवेयर के माध्यम से निगरानी के आरोपों की जांच और कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग शामिल है. विपक्षी दलों का कहना था कि पेगासस जासूसी मुद्दे पर पहले चर्चा कराने के लिए सरकार के तैयार होने के बाद ही संसद में गतिरोध खत्म होगा. संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए लोकसभा में कहा था कि यह कोई मुद्दा ही नहीं है.