नई दिल्ली/दि.२० – भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता राम माधव अब संघ के लिए काम करेंगे. उन्हें बीजेपी से संघ में वापस बुला लिया गया है. राम माधव को संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी में जगह दी गई है. बेंगलुरु में चल रही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में ये फैसला लिया गया है. बता दें कि वे पहले संघ से बीजेपी में महासचिव बनकर गए थे. उन्होंने कश्मीर समेत कई मामलों में बड़ी भूमिका निभाई. अब राम माधव दोबारा से संघ के सेवा कार्यों का मोर्चा संभालेंगे.
वहीं, दत्तात्रेय होसबोले को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सरकार्यवाह चुना गया है. दत्तात्रेय होसबोले, भैय्याजी जोशी की जगह लेंगे. 73 वर्षीय जोशी तीन-तीन वर्षों के लिए चार बार सरकार्यवाह रहे. वहीं होसबोले 2009 से संघ के सह सरकार्यवाह थे.
शुक्रवार को हुए कई फेरबदल
इसके अलावा अरुण कुमार प्रचार प्रमुख से सह सरकार्यवाह बनाए गए हैं. रामलाल को अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख का जिम्मा सौंपा गया है. आलोक, अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख बनाए गए हैं, जबकि सुनील आंबेडकर को अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख बनाया गया है.
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संघ में नंबर दो के ओहदे पर पहुंचे होसबोले
आरएएसस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख से सह सरकार्यवाह बनाए गए अरुण कुमार ने कहा कि भैय्याजी जोशी ने इच्छा प्रकट की थी कि वह 12 सालों से इस दायित्व को संभाल रहे हैं और अब ये जिम्मेदारी किसी युवा को दी जानी चाहिए. दत्तात्रेय होसबोले को तीन वर्षों के लिए सर्वसम्मति से चुना गया है और अब वह संघ में नंबर दो के ओहदे पर पहुंच गए हैं. उन्होंने कहा कि भैय्याजी जोशी ने दायित्व मुक्त करने को कहा था, जिसके बाद दत्तात्रेय होसबोले को सरकार्यवाह चुना गया. उन्होंने उम्र की वजह से ये निर्णय किया है. हालांकि उनका स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक है.
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1968 में आरएसएस से जुड़े थे होसबोले
66 वर्षीय होसबोले कर्नाटक के शिवमोगा जिले से आते हैं. वह साल 1968 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे. आपातकाल के समय दत्तात्रेय होसबोले ने गिरफ्तारी भी दी. असम में यूथ डेवलपमेंट सेंटर को विकसित करने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
दत्तात्रेय होसबोलेअंग्रेजी साहित्य में पोस्ट ग्रेजुएट हैं. शुरू में वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) के साथ जुड़े जो आरएसएस की छात्र शाखा है.
बता दें कि एबीपीएस की वार्षिक बैठक अलग-अलग स्थानों पर होती है लेकिन हर तीसरे वर्ष यह नागपुर स्थित आरएसएस के मुख्यालय में होती है जहां सरकार्यवाह का चुनाव होता है. बहरहाल, महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस वर्ष इसे बेंगलुरुु स्थानांतरित कर दिया गया.