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राममंदिर का पाठ्यक्रम में किया जाएगा समावेश

लगेगा एक साल

हीं.स./नई दिल्ली/दि.६:-देश की नई शिक्षा नीति को लेकर नया पाठ्यक्रम तैयार किया जानेवाला है. इसमें मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम और उनकी जन्म भूमि अयोध्या का राममंदिर पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा. उक्ताशय की महत्वपूर्ण जानकारी एनसीईआरटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है. फरवरी 2021 तक नए पाठ्यक्रम में क्या-क्या शामिल होगा यह तय कर लिया जाएगा। इसमें राममंदिर भी शामिल होगा। पाठ्यपुस्तकों को तैयार करने में एक साल का समय लगेगा।
एनसीईआरटी के निदेशक डा. ऋषिकेश सेनापति ने कहा कि 2005 के बाद न्यू करिकुलम फ्रेमवर्क तैयार नहीं किया गया है। नई शिक्षा नीति के साथ ही सरकार ने नया पाठ्यक्रम बनाने के लिए कहा है। इस पर पहले से ही काम चल रहा है। जिसके लिए कमेटियों का गठन होगा और कमेटियों की ओर से सुझाव दिए जाएंगे। जिसके अनुसार विशेषज्ञों द्वारा तैयार पाठ्यक्रम की रूपरेखा में बदलाव होंगे।
देश के पहले उपप्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की दृंढ इच्छाशक्ति को किताबों के माध्यम से छात्रों तक पहुंचाने पर काम किया जाना जरूरी है। नए पाठ्यक्रम पर सुझाव के लिए जब कमेटियों का गठन होगा और सुझाव मांगे जाएंगे तो हमारी तरफ से यह सुझाव एनसीईआरटी को दिए जाएंगे।

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