नई दिल्ली/दि.10– भारत में विगत कुछ दिनों में इलेक्ट्रिक कार व दुपहिया बड़े पैमाने पर लाँच हुई है. इलेक्ट्रिक वाहनों के पंजीयन बाबत उत्तर प्रदेश, दिल्ली एवं कर्नाटक यह तीन प्रमुख राज्य आगे हैं. देश में 8,70141 इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीयन हुआ है. ऐसी जानकारी केंद्रीय भूपृष्ठ यातायात मंत्री नितीन गडकरी ने राज्यसभा में दी.
उत्तरप्रदेश में 2,55,700 इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीयन हुआ है. पश्चात दिल्ली में 1,25,347 एवं कर्नाटक 72,544 वाहनों का पंजीयन हुआ है. चौथे व पांचवें क्रमांक पर बिहार एवं महाराष्ट्र है. बिहार में 58,014 व महाराष्ट्र में 52,506 इलेक्ट्रिक गाड़ियां पंजीकृत है.
पेट्रोल, डीजल का इस्तेमाल कर हो, इस उद्देश्य से देश में इलेक्ट्रिक एवं हायब्रीड वाहनों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है. इसके लिए 2015 में फास्टर अॅडॉप्शन एंड मॅन्युफॅक्चरिंग व्हेइकल्स इन इंडिया योजना तैयार की गई है. ऐसा केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने बताया. फिलहाल फेम इंडिया योजना का दूसरा चरण 1 अप्रैल 2019 से पांच वर्षों की कालावधि के लिए चलाया जा रहा है. इस योजना को कुल 10 हजार करोड़ रुपए की अर्थसंकल्पीय सहायक है. इलेक्ट्रिक वाहनों पर का जीएसटी 12 प्रतिशत से कम कर 5 प्रतिशत किया गया है. इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जर/चार्जिंग स्टेशन पर जीएसटी 18 प्रतिशत की बजाय 5 प्रतिशत किया गया है.
टोल पर 97 प्रतिशत शुल्क वसुली फास्टॅग द्वारा
राज्यसभा में पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते समय गडकरी ने कहा कि फिलहाल राष्ट्रीय महामार्ग की सभी फीस प्लाझा फास्टॅग सुविधा से सुसज्ज है. करीबन 35 बैंक (सार्वजनिक व निजी क्षेत्र की बैंकों सहित) रास्ते का इस्तेमाल करने वालों को फास्टॅग जारी कर रही है. 14 अधिग्रहित बैंक टोल प्लाझा पर व्यवहार करने के लिए सक्रिय है. 4 दिसंबर 2021 तक 4.21 करोड़ फास्टॅग जारी किया गया है. और कुल इस्तेमालकर्ताओं के शुल्क में से करीबन 97 प्रतिशत रकम फास्टॅग द्वारा जमा की गई है. ऐसा गडकरी ने बताया.