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राहत : डायबिटीज की दवाईयां मिलेगी सस्ती

सरकार ने तय किया 15 दवाओं का खुदरा मूल्य

नई दिल्ली/ दि.20– राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने मधुमेह समेत विभिन्न बीमारियों के इलाज में उपयोग होने वाली 15 दवाईयों के खुदरा मूल्य की सीमा तय की है. मार्च के अंतिम सप्ताह में बैठक के बाद कीमतें निर्धारित की है. जो कंपनियां ये दवाईयां बना रही है, उन्हें एमपीपीए की शिफारिशों के अनुसार नए खुदरा मूल्य तय करने होंगे प्राधिकरण का आदेश है. एनपीपीए ने 24 मार्च को हुई प्राधिकरण की 96वीं बैठक में किये गए निर्णय के आधार पर औषधि (कीमत नियंत्रण आदेश) 2013 के तहत 15 दवाईयों के खुदरा मूल्य को निर्धारित किया है.
बता दें कि, इस तरह जरुरी दवाईयों के दाम को कम करने की लगातार मांग होते रही है. इतना ही नहीं तो मधुमेह समेत कई अन्य रोगों की दवाओं को पूरी तरह से जीएसटी मुक्त करने की मांग विभिन्न संगठनाओं के माध्यम से उठाई जा चुकी है. हालांकि इस संबंध में अब तक किसी तरह का ठोस कदम नहीं उठाया गया, लेकिन एनपीपीए का ताजा फैसला निश्चित ही राहतभरा होगा.

इन दवाओं की कीमत निर्धारित
मूल्य निर्धारण के तहत एसोसिएटेड बायोटेक, डेल्स लेबोरेटरिज की बनाई और विपनन की जाने वाली मेटफॉर्मिन के साथ टेनेलिग्लिप्टिन टैबलेट की कीमत 7.14 रुपए प्रति टैबलेट तय की गई है. इसी तरह डैपाग्लिफ्लोजन के साथ मेटफॉर्मिन हाइड्रोक्लोराइड टैबलेट का खुदरा मूल्य 10.7 रुपए प्रति टैबलेट तय किया गया है. इन दोनों दवाओं का उपयोग मधुमेह के इलाज के लिए किया जाता है. इसके अलावा, एनपीपीए ने जिन अन्य दवाओं के मूल्य तय किये है, उनमें ह्युमन नॉर्मल इम्युनोग्लोबुलिन, मेड्रोक्सीप्रोजेस्टेरोन एसीटेट आदि दवाएं शामिल हैं. प्राधिकरण ने कहा है कि दवा बनाने वाली कंपनियां नियामक को एकीकृत औषधि डाटाबेस प्रबंधन प्रणाली (आईपीडीएमएस) के जरिये कीमत सूची जारी करेंगी और उसकी एक प्रति राज्य औषधि नियंत्रक और डीलरों को सौंपेगी.
ह्युमन नॉर्मल इम्युनोग्लोबुलिन मेड्रोक्सीप्रोजेस्टेरोन एसीटेट का उपयोग- ह्युमन नॉर्मल इम्युनोेग्लोबुलिन का उपयोग कुछ ऐसी बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है जो रक्त में एंटीबॉडी की कमी के कारण होते है.

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