नई दिल्ली./दि.२७ – विपदा के दौर में आपूर्ति सुचारु करने के लिए प्याज का स्टॉक संग्रहित रखा जाता है. लेकिन इसमें से बचा हुआ २५ हजार टन प्याज खराब होने की संभावना नाफेड ने जताई है. सरकारी मालिकाना सहकारी विपणन महासंघ रहने वाले नाफेड के प्रबंधकीय संचालक एस.के.चढा ने बताया कि प्याज की आयु साढे तीन महीने की होती है. इसके बाद प्याज का पानी खत्म होकर वह खराब होने लगता है. प्याज का स्टॉक रखने के लिए मार्च, अप्रैल से प्याज की खरीदी की जा रही है. अब तक नाफेड की ओर से ४३ हजार टन प्याज बाजार में उतारा गया है. २२ हजार टन प्याज नवंबर के पहले सप्ताह में बाजार में उतारा जाएगा. जिससे बचा हुआ २५ हजार टन प्याज सूखकर खराब हो जाएगा. प्याज के मूल्यों को नियंत्रित रखने के लिए सरकार ने बीते वर्ष से प्याज का स्टॉक रखने की शुरुआत की है. वहीं अन्य एक अधिकारी ने बताया कि बीते वर्ष ५७ हजार टन प्याज का स्टॉक किया गया था. इनमें से ३० हजार टन प्याज खराब हो गया. केवल २७ हजार टन प्याज ही वितरीत हो पाया. इस बार हालात बेहतर है इसलिए १ लाख टन प्याज का स्टॉक किया जाएगा. इनमें से केवल २५ हजार टन खराब होने की संभावना है. देश में प्याज के भाव आसमान को छू जाने से केरल,असम, तामिलनाडू, आंध्रप्रदेश,तेलंगणा और लक्ष्द्वीप से ३५ हजार टन की डिमांड की गई थी. नाफेड की ओर से प्रति किलो २६ रुपए, अधिक यातायात खर्च इन दरों से प्याज मुहैय्या कराया जाता है. एक अधिकारी ने बताया कि प्याज के दर नवंबर के पहले सप्ताह तक कम होने की संभावना है. सरकार की ओर से प्याज आयात के नियमों मेें ढिल दी गई है. सरकारी विपण संस्था एमएमटीसी को लाल प्याज आयात के लिए निविदा मंगवाने की जानकारी दी गई है. सरकार की ओर से देशभर में प्याज के दर प्रति किलों १० रुपयों से कम होने का दावा किया जा रहा है.