आईक्यू एयर की एयर क्वालिटी पर रिपोर्ट जारी, राजस्थान का भिवाडी दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर
दुनिया के 100 सबसे प्रदूषित शहरों में 63 भारत के
* 5 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से 10 से 20 गुना ज्यादा प्रदूूषण
नई दिल्ली./दि.23 – हवा की गुणवत्ता को लेकर जारी वैश्विक रिपोर्ट में दुनिया के 100 सबसे प्रदूषित शहरों में भारत के 63 शहरों को शामिल किया गया है. राजस्थान का भिवाडी दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर और नई दिल्ली सबसे प्रदूषित राजधानी है. सबसे प्रदूषित देशों में भारत पांचवें नंबर पर है. बांग्लादेश पहले, चाड दूसरे, पाकिस्तान तीसरे और ताजिकिस्तान चौथे नंबर पर है. स्विस फर्म आईक्यू एयर ने विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट जारी की है. यह एयर क्वालिटी मॉनीटरिंग और हवा शुद्ध करने की तकनीक मुहैया कराती है.
रिपोर्ट बताती है कि, 2021 में भारत में वायु प्रदूषण बेहद खराब स्थिति में पहुंच गया. कोरोना काल के लॉकडाउन के कारण तीन साल से हवा की गुणवत्ता में जो सुधार हो रहा था, वह रुक गया. रिपोर्ट में खतरनाक और सूक्ष्म पीएम 2.5 प्रदूषक स्तर को मापा गया. भारत में औसत वायु प्रदुषण 58.1 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर मिला, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दिशानिर्देशों से 10 गुना अधिक है. डब्ल्यूएचओ के मापदंड के अनुसार 5 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर की सुरक्षित माना गया है. भारत का कोई शहर इस मापदंड पर खरा नहीं उतरा. डब्ल्यूएचओ ने सितंबर 2021 मेें पीएम 2.5 की स्वीकार्य सीमा आधी 5 तक कम कर दी थी. कोई भी देश 2021 में इसे हासिल नहीं कर सका. 93 शहरोें में यह सीमा से दस गुना था.
* देश के आधे प्रदूषित शहर हरियाणा और उप्र के
दुनिया के 15 सबसे प्रदूषित शहरों में से दस भारत के हैं. इनमें से ज्यादातर राष्ट्रीय राजधानी यानी दिल्ली के आसपास हैं. आधे से ज्यादा प्रदूषित शहर हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हैं. दिल्ली लगातार दूसरे वर्ष दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी बनी है. पिछले वर्ष की तुलना में प्रदूषण लगभग 15% बढा है. वायु प्रदूषण का औसत वार्षिक स्तर पीएम 2.5 96.4 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था जो डब्ल्यूएचओ की सीमा से 20 गुना अधिक था. भिवाडी के बाद दिल्ली की पूर्वी सीमा पर उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर है.
* वाहन, बिजली संयंत्र जैसे प्रदूषण के स्त्रोत
वायु प्रदूषण के प्रमुख स्त्रोतों में वाहन उत्सर्जन, कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्र, औद्योगिक कचरा, खाना पकाने के लिए बायोगैस का उपयोग और निर्माण क्षेत्र शामिल है. पिछले साल नवंबर में वायु प्रदूषण के गंभीर स्तर के कारण दिल्ली के आसपास के कई बडे बिजली संयंत्रों के साथ-साथ कई उद्योगों को पहली बार बंद कर दिया गया था.
* प्रदूषण हर मिनट तीन की जान ले रहा
भारत के लिए वायु प्रदूषण किसी संकट से कम नहीं है. इससे लोगों को कई बीमारियां झेलनी पड रही हैं. प्रति मिनट होने वाली मौतों में से तीन वायु प्रदूषण से संबंधित होने की आशंका है. इसके अलावा वायु प्रदूषण हृदय व फेफडों की बीमारियों का प्रमुख कारण है. वायु प्रदूषण के कारण भारत को सालाना 11.25 लाख करोड की आर्थिक क्षति होती है. वैज्ञानिकों के मुताबिक पीएम 2.5 के कारण दुनिया में हर साल 70 लाख मौत होती है.