नई दिल्ली/दि.६ – विदेशी निवेशको का भरोसा जीतने के लिए विवादित रेट्रोस्पोक्टिव टैक्स लगाने का कानून केन्द्र सरकार खत्म करेगी. इसके लिए केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरूवार को लोकसभा में कराधान कानून संशोधन विधेयक २०२१ पेश किया. संसद से इस विधेयक के पास होने पर इसका सबसे पहले फायदा ब्रिटेन की कंपनी केयर्न एनर्जी ओर वोडाफोन को होगा. सरकार इन्हें इस टैक्स के रूप में वसूले गये ८,१०० करोड रूपये वापिस करेगी. लोकसभा में विधेयक पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का मकसद विदेशी निवेशको की चिंता दूर करना है. पहले की तारीख से टैक्स लगाने का प्रावधान यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ) सरकार ने बजट २०१२ में रखा था. इसकी वजह से वोडाफोन और केयर्न एनर्जी को अपने पूंजीगत लाभ पर पिछली तारीख से टैक्स चुकाना पड़ा था. इस प्रावधान का उपयोग करते हुए जनवरी २०१३ में कर अधिकारियों ने वोडाफोन से १४,२०० करोड रूपये टैक्स की मांग की थी. इसमें से ७, ९९० करोड रूपये की मूल टैक्स और बकाया ब्याज था. यह फरवरी २०१६ में ब्याज के साथ २२, १०० करोड़ रूपये से अधिक हो गया था.
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अब २८ मई २०१२ से पहले हुए सौदों में टैक्स नहीं मांगेगी
सीतारमण ने लोकसभा मेें कहा, इस विधेयक के जरिए आयकर कानून १९६१ में बदलाव का प्रस्ताव रखा जा रहा है. इसके मुताबिक, सरकार २८ मई २०१२ से पहले हुए सोदों में भारतीय संपत्ति के अप्रत्यक्ष हस्तांतरण पर पिछली तारीख से टैक्स नहीं मांगेगी. सरकार ने २८ मई २०१२ से पहले भारतीय संपत्तियों के अप्रत्यक्ष हस्तांतरण पर टैक्स की मांग रद्द करने का प्रस्ताव भी तैयार किया है. लेकिन इसकी कुछ शर्ते होगी. इन शर्तो के तहत संबंधित पक्षों को लंबित मुकदमे वापस लेने होंगे. यह हलफनामा देना होगा कि वे किसी तरह का क्षतिपूर्ति या ब्याज का दावा नहीं करेगी. इसके अलावा ऐसे मामलों में जो रकम वसूल की गई थी वह अब बिना ब्याज लौटाई जाएगी.