नई दिल्ली/दि.६ – स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने एवियन इन्फ्लुएंजा जिसे आमतौर पर बर्ड फ्लू के नाम से जाना जाता है से प्रभावित केरल के अलाप्पुझा, कोट्टायम और हरियाणा के पंचकुला जिलों में बहु-अनुशासनात्मक टीमों को तैनात किया है. 4 जनवरी 2021 को पशुपालन विभाग ने केरल में अलाप्पुझा और कोट्टायम जिलों से मृत बतख के नमूनों में एवियन इन्फ्लुएंजा का पता लगाने को अधिसूचित किया था. हरियाणा के पंचकूला जिले से पोल्ट्री के नमूनों में एवियन इन्फ्लुएंजा की एक ऐसी रिपोर्ट भी मिली है.
दो मल्टी- डिसिप्लिनरी टीमों में नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़, डॉ. आरएमएल अस्पताल, नई दिल्ली और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ शामिल हैं. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 4 जनवरी 2021 को इन टीमों को प्रभावित जिलों में तैनात किया गया है ताकि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की एवियन इन्फ्लुएंजा रोकथाम योजना के कार्यान्वयन में राज्य के स्वास्थ्य विभागों की सहायता की जा सके.
इसके अतिरिक्त, एक उच्च स्तरीय टीम जिसमें निदेशक, एनसीडीसी और संयुक्त सचिव और सीओवीआईडी नोडल अधिकारी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय शामिल हैं को 6 जनवरी 2021 (आज) को एवियन इन्फ्लुएंस कंट्रोल ऑपरेशन के संचालन की निगरानी और उसी के लिए उपयुक्त सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप बढ़ाते हुए राज्य स्वास्थ्य विभाग का मार्गदर्शन करने के लिए केरल में तैनात किया गया है. इसके अलावा, यह उच्च स्तरीय टीम राज्य में कोविड-19 स्थिति की भी समीक्षा करेगी.
एवियन इन्फ्लूएंजा की इसी तरह की रिपोर्टें झालावाड़, राजस्थान और भिंड, मध्य प्रदेश से आई हैं जिनमें कौवे और प्रवासी पक्षी शामिल हैं. पशुपालन विभाग ने प्रोटोकॉल के अनुसार मुर्गीपालन पक्षियों में किसी भी मामले का पता लगाने के लिए निगरानी को और तेज करने के लिए अलर्ट जारी किया है.
बता दें राजस्थान, केरल, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश में अब तक वायरस से होने वाली पक्षियों की मौतों के मामलों का पता चला है और सरकार ने चार राज्यों में सकारात्मक नमूनों के बाद 12 एपिकसेंटर्स की पहचान की है. इनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और केरल के जिले शामिल हैं. हरियाणा में पंचकूला से परीक्षण के लिए भेजे गए नमूनों को अनिर्णायक पाया गया और उनका फिर से परीक्षण किया जाएगा.
राजस्थान के बारां, कोटा और झालावाड़ से जारी प्रकोप की सूचना मिली है, इसके अलावा मध्य प्रदेश में मंदसौर, इंदौर व मालवा, हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा और केरल के कोट्टायम व अलाप्पुझा में मामले सामने आए हैं. मंत्रालय ने कहा कि भारत में अभी तक मनुष्यों में बर्ड फ्लू के संक्रमण की सूचना नहीं दी गई है, लेकिन यह बीमारी ज़ूनोटिक है और मानव हैंडलिंग (फ़ोमाइट्स के माध्यम से) फैल सकती है. सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में संदिग्ध फ्लू के लक्षणों वाले लोगों की पहचान करने के लिए एक अभियान भी शुरू किया है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय बढ़ते परिदृश्य पर कड़ी निगरानी रख रहा है.