
नई दिल्ली/दि.२६ – केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में बीजेपी की सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी एनडीए से अलग हो गई है. आरएलपी के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने शनिवार को इसकी घोषणा की है. साथ ही उन्होंने ये भी साफ किया है कि वो कांग्रेस के साथ नहीं जाएंगे. आरएलपी कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का समर्थन कर रही है. बीजेपी के अपने सहयोगी भी कृषि कानूनों के मुद्दे पर किसानों का समर्थन कर रहे हैं. अकाली दल के बाद आरएलपी भी अब बीजेपी के विरोध में उतर चुकी है. इससे पहले 19 दिसंबर को हनुमान बेनीवाल ने किसान आंदोलन के समर्थन में संसद की तीन समितियों से इस्तीफा दे दिया था. दिल्ली में किसानों आंदोलन की तरह ही राजस्थान में भी एक जैसे ही हालात देखने को मिल रहे हैं. अलवर के पास शाहजहांपुर-खेड़ा में भी किसान आंदोलन जारी है. नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल भी कार्यकर्ताओं के साथ वहां पहुंच चुके हैं. राजस्थान के अलवर जिले के शाहजहांपुर-खेड़ा बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों को संबोधित करते हुए नागौर से लोकसभा सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि वह किसानों के मुद्दों पर किसी के भी साथ खड़े नहीं होंगे. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने कहा कि वह तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रही है, जिसकी वजह से किसान बड़ी संख्या में प्रदर्शन कर रहे हैं.
हजारों किसानों के साथ दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले आरएलपी नेता और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने एनडीए से अलग होने की धमकी दी थी. उन्होंने कहा था कि बीजेपी को भी अपना जवाब देना होगा. बेनीवाल ने कहा था कि करीब 2 लाख किसान उनके साथ दिल्ली कूच कर रहे हैं. कई राज्यों के हजारो किसान केंद्र के कृषि बिलों के खिलाफ करीब एक महीने से दिल्ली के बॉर्डरों पर सरकार का विरोध कर रहे हैं. किसान पीएम मोदी से लगातार तीनों बिलों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं.