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तीन महीने में करनी होगी सडक हादसे की जांच, 30 दिन मेें मुआवजा देना होगा

नई दिल्ली/दि.4 – सडक हादसों की जांच अब तीन महीने में पूरी करनी अनिवार्य होगी. हादसे के 10 दिन के अंदर पीडित को उनके अधिकार बताने होगे. केंद्रीय सडक परिवहन मंत्रालय ने ऐसे हादसों की जांच की समयसीमा तय करने का नोटिफिकेशन जारी किया है, जो एक अप्रैल से लागू होगा. जांच अधिकारी को 90 दिन के अंदर डिटेल एक्सीडेंट रिपोर्ट (डीएआर) क्लेम ट्रिब्यूनल व इंश्योरेंस कंपनी को अनिवार्य रुप से देनी होगी. डीएआर क्लेम पिटिशन की तरह होगा. डीएआर मिलने के बाद अगले 30 दिन में क्लेम ट्रिब्यूनल या इंश्योरेंस कंपनी को मुआवजा देना होगा. यदि पीडित मुआवजा राशि पर असहमत है, तब समय बढाने का प्रावधान रखा गया है. हादसे के 48 घंटे के अंदर जांच अधिकारी को क्लेम ट्रिब्यूनल व इंश्योरेंस कंपनी को हादसे की जानकारी या फर्स्ट एक्सीडेंट रिपोर्ट देना अनिवार्य है.

मुआवजा मिलने में लगने वाला समय कम होगा

सेवलाइफ फाउंडेशन की करुणा रैना का कहना है कि, नोटिफिकेशन में टाइमलाइन होने से मुआवजा मिलने का समय केवल चार महीने हो जाएगा. यह अब तक कई मामलों में वर्षों चलता रहता था. सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले मेें इसी तरह की व्यवस्था दी थी लेकिन अब कानूनी प्रावधान बनने से सडक हादसों के पीडितों को लाभ होगा.

नोटिफिकेशन ‘विक्टिम फ्रेंडली’

सडक सुरक्षा विशेषज्ञ एवी श्रीनिवास का कहना है कि, नोटिफिकेशन ‘विक्टिम फ्रेंडली’ है. जिले में एक विंग होना चाहिए, जो हादसों की जांच प्रक्रिया में समर्पित रुप से काम करें. रोड सेफ्टी अथॉरिटी को सक्रिय कर सकते हैं. यह पूरी प्रक्रिया कंप्यूटराइज्ड होनी चाहिए और पीडित से पावती का प्रावधान भी होना चाहिए ताकि यह दस्तावेज रहे कि वास्तव में पीडित को सभी जानकारियां दी गई हैं.

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