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रोबोट बना वकील, अमेरिका की कोर्ट में लड़ने जा रहा केस, देगा दलीलें

विवाद भी हो गया शुरु

शिकागो दि.15– अमेरिका ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से एक रोबोट को वकील बना दिया है. यह रोबोट जल्द ही अमेरिका की कोर्ट में बहस करेगा.
आज विज्ञान की दुनिया कहां पहुंच गई है. लोग मंगल ग्रह पर पानी ढूंढ रहे. चांद पर कदम रख दिया. यहां तक कि रोबोट्स को भी अंतरीक्ष की सैर करा दी है. इन सबके पीछे सिर्फ मानव जाति का दिमाग काम कर रहा है. विज्ञान के क्षेत्र में इंसानों ने खूब तरक्की की है. अब टेक्नोलॉजी की मदद से इंसान के कामों को और भी आसान बनाया जा रहा है. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि अब इंसानों ने एक रोबोट को वकील बना दिया है. जी हां ये रोबोट अमेरिका की कोर्ट में केस लड़ेगा और दलीलें भी देता हुआ नजर आएगा.
आप भी सोच रहे होंगे कि टेक्नोलॉजी की मदद से अमेरिका ने कैसा मुकाम हासिल कर लिया है. आपको बते दें कि अमेरिका ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से एक रोबोट को वकील बना दिया है. ऐसा करने वाला अमेरिका दुनिया का पहला देश बन गया है. जिसने एक रोबोट को वकील बनाया है. इस रोबोट को अमेरिका बेस्ड स्टार्टअप Do Not Pay ने बनाया है. मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक यह रोबोट जल्द ही अमेरिका की कोर्ट में बहस करेगा और अपनी दलीलें पेश करेगा. यह रोबोट पहले ओवर स्पीडिंग मामले पर कानूनी सलाह देगा. डू नॉट पे के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जाशुआ ब्राउनर ने बताया कि सच्चाई पर टिके रहने के लिए एआई को प्रशिक्षित किया गया है. फिलहाल यह देखना दिलचस्प होगा कि यह कैसे अपना पक्ष रखेगा और आगे इसे अनुमति मिली तो आगे और क्या-क्या कर सकता है. एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक हालांकि प्राइवेसी कारणों के चलते इस बारे में अधिक जानकारी नहीं दी गई है.
इसे चलाने के लिए स्मार्टफोन का इस्तेमाल करना पड़ेगा. यह रोबोट स्मार्टफोन से ही चलेगा और लोगों को कानूनी सलाह देगा. एआई से चलने वाला यह रोबोट वकील पहले कोर्ट की कार्यवाही को सुनेगा फिर व्यक्ति को जुर्माने से बचाने के लिए कानूनी सलाह देगा.
जज रोबोट का प्रोजेक्ट शुरू
बता दें कि दुनिया में पहले ही जज रोबोट का प्रोजेक्ट ट्रायल शुरू हो चुका है. यूरोप के एंटोनिया ने एक आर्टिफिशल इंटेलिजेंस पावर्ड रोबो-जज तैयार किया है, जहां रोबोट ने जज के रूप में काम करना शुरू किया था. चीन में भी ऐसा ही प्रोजेक्ट शुरू किया जा चुका है. भारत में भी इस दिशा में कुछ कदम उठाए जा चुके हैं.

 

 

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