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अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन की कोरोना से मौत की उड़ी अफवाह

AIIMS ने किया खंडन

नई दिल्ली/दि.७ – कोरोना वायरस देश में हाहाकार मचा हुआ है. हर रोज लाखों की संख्या में नए मरीज सामने आ रहे हैं. तो मृतकों की संख्या में भी बड़ी तेजी के साथ इजाफा हो रहा है. इस मुश्किल घड़ी में अफवाहें भी काफी उड़ रही हैं. आज अफवाह उड़ी कि अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन ने भी कोरोना की वजह से आज दम तोड़ दिया. बता दें कि छोटा राजन इस समय तिहाड़ जेल का कैदी है. तिहाड़ जेल में ही उसे कोरोना हो गया था. कोरोना से तबियत बिगड़ने पर उसको दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है.
26 अप्रैल को तिहाड़ जेल के एक अधिकारी ने सत्र न्यायालय को सूचित किया था कि गैंगस्टर को सुनवाई के लिए न्यायाधीश के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पेश नहीं किया जा सकता क्योंकि वो कोविड-19 से संक्रमित हो गया है. उसके बाद 26 अप्रैल को ही छोटा राजन को एम्स में भर्ती कराया गया था. जहां अभी भी उसका इलाज चल रहा है. आज दोपहर में छोटा राजन के निधन की अफवाह उड़ी, जिसके बाद एम्स प्रशासन ने बकायदा एक बयान जारी करके इस खबर का खंडन किया.
बता दें कि छोटा राजन, जबरन वसूली हत्या के संबंध में महाराष्ट्र में कम से कम 70 आपराधिक मामलों का आरोपी था. वह 2015 में इंडोनेशिया से गिरफ्तारी के बाद नई दिल्ली की उच्च सुरक्षा वाली तिहाड़ जेल में बंद था. मुंबई में 1993 में हुए सीरियल बम ब्लास्ट में भी छोटा राजन आरोपी था. साल 2018 में छोटा राजन को पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या के मामले में दोषी पाते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी. जर्नलिस्ट डे की वर्ष 2011 में हत्या हुई थी. जबकि पिछले दिनों उसे हनीफ कड़ावाला की हत्या के केस में विशेष सीबीआई कोर्ट ने बरी कर दिया था.
बता दें कि छोटा राजन तिहाड़ जेल परिसर की जेल नंबर 2 के अति सुरक्षित वार्ड में रखा गया था. छोटा राजन को विभिन्न आपराधिक मामलों में 10 साल तक की सजा भी हो चुकी है. छोटा राजन दाऊद इब्राहिम कभी एक ही गिरोह में हुआ करते थे, लेकिन दाऊद की भारत विरोधी शक्तियों के साथ मिलने के बाद छोटा राजन उससे अलग हो गया था. इसके बाद बैंकॉक में दाऊद के आदमियों ने छोटा राजन पर हमला भी किया था, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया था. इस हमले में उसके पेट की एक महत्वपूर्ण आंत को खासा नुकसान पहुंचा था. इसके बाद छोटा राजन को सीबीआई द्वारा जारी कराए गए इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर मलेशिया में गिरफ्तार कर लिया गया था उसे साल 2015 में भारत लाया गया था. भारत लाए जाने के बाद भी सुरक्षा कारणों के चलते उसे मुंबई की जेलों में नहीं रखा गया क्योंकि यह आशंका थी कि दाऊद समर्थित ग्रुप उसके खिलाफ षड्यंत्र रच सकते हैं मुंबई की जेल में उस पर हमला हो सकता है.

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