नई दिल्ली/दि.6 – रूस के स्वास्थ्य अधिकारियों ने स्पूतनिक वी कोरोना वायरस वैक्सीन के सिंगल डोज वाले वर्जन स्पूतनिक लाइट को इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. इस बात की जानकारी वैक्सीन के निर्माताओं ने गुरुवार को दी है. रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) ने वैक्सीन को बनाने के लिए वित्तीय तौर पर मदद की थी. आरडीआईएफ ने एक बयान में कहा है कि स्पूतनिक लाइट ‘79.4 फीसदी तक प्रभावी पाई गई है’ जबकि स्पूतनिक वी की दो डोज 91.6 फीसदी तक प्रभावी है.
स्पूतनिक वी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर बताया गया है कि स्पूतनिक लाइट का इस्तेमाल कर टीकाकरण तेज गति से किया जा सकेगा और इससे महामारी के पीक को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी. बेशक स्पूतनिक वी (Sputnik V) मुख्य वैक्सीन ही रहेगी, लेकिन स्पूतनिक लाइट की भी अपनी ही विशेषताएं हैं. ट्विटर पोस्ट में बताया गया है कि स्पूतनिक वी को पहले ही 64 देशों में इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है, जिनकी कुल आबादी 3.2 बिलियन से भी अधिक है. लेकिन स्पूतनिक लाइट आजादी की ओर एक हल्के कदम जैसी है.
पोस्ट में कहा गया है कि स्पूतनिक लाइट महामारी से तेज गति से लड़ने वाली एक विश्वसनीय वैक्सीन है (Sputnik Light Benefits). इसकी सहायता से तेजी से सुरक्षा का उच्च स्तर हासिल किया जा सकता है, इससे वायरस को तेजी से हराया जा सकेगा और समुदाय के बीच लंबे समय तक सुरक्षा को बनाया जा सकेगा. वैक्सीन की प्रभाविकता का पता लगाने के लिए इसका इस्तेमाल रूस के बड़े टीकाकरण अभियान के दौरान 5 दिसंबर 2020 से लेकर 15 अप्रैल 2021 के बीच हुआ. जिसमें लोगों को वैक्सीन दिए जाने के 28 दिन बाद उसका डाटा एकत्रित किया गया.
रूसी वैक्सीन को बेशक 60 से अधिक देशों में इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है, लेकिन इसे अभी भी यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (European Medicines Agency) और अमेरिका के एफडीए से मंजूरी नहीं मिली है. रूस ने बड़े स्तर पर किए जाने वाले क्लिनिकल ट्रायल्स से पहले ही वैक्सीन को रजिस्टर करा लिया था. लेकिन स्वास्थ्य पत्रिका लैंसेट में कहा गया है कि वैक्सीन सुरक्षित है और इसकी दो डोज 90 फीसदी से अधिक प्रभावी हैं. स्पूतनिक वी वैक्सीन को सरकारी गमायला रिसर्च इंस्टीट्यूट ने विकसित किया है. वहीं आरडीआईएफ ने कई देशों में इसका तीसरा ट्रायल लॉन्च किया था.