रुस/दि.११– दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन अप्रूव हो चुकी है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को इसका ऐलान कर दिया. उन्होंने कहा कि रूस में बनी पहली कोविड-19 वैक्सीन को हेल्थ मिनिस्ट्री से अप्रूवल मिल गया है. पुतिन ने यह भी बताया कि उनकी बेटियों को यह टीका लगाया जा चुका है. रूस के राष्ट्रपति ने कहा, इस सुबह दुनिया में पहली बार, नए कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन रजिस्टर्ड हुई. उन्होंने उन सभी को धन्यवाद दिया जिन्होंने इस वैक्सीन पर काम किया है.
पुतिन ने कहा कि वैक्सीन सारे जरूरी टेस्ट से गुजरी है. अब यह वैक्सीन बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए भेजी जाएगी. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जानकारी दी कि उनकी एक बेटी को इस वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है. उन्होंने कहा कि वे दोनों ठीक महसूस कर रही हैं और किसी तरह के साइड इफेक्ट्स नहीं है. उन्होंने कहा कि पहले टीके के बाद उसका तापमान 38 डिग्री सेल्सियस था उसके बाद 37 डिग्री से कुछ अधिक था. अब वह बिल्कुल स्वस्थ्य है. रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराशको के मुताबिक, इसी महीने से हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन देने की शुरुआत हो सकती है. रूस में सबसे पहले फ्रंट लाइन हेल्थ वर्कर्स को कोरोना का टीका लगाया जाएगा. इसके बाद सीनियर सिटिजंस को वैक्सीन दी जाएगी. फिलहाल इस वैक्सीन की लिमिटेड डोज तैयार की गई हैं. रेगुलेटरी अप्रूवल मिल चुका है तो अब इस वैक्सीन का इंडस्ट्रियल प्रॉडक्शन सितंबर से शुरू हो सकता है. रूस ने कहा है कि वह अक्टूबर से देशभर में टीका लगाने की शुरुआत कर सकता है. रूस ने दुनियाभर में वैक्सीन सप्लाई करने की बात तो कही है मगर कई देश अभी इसे लेकर हिचक रहे हैं.
यूनाइटेड किंगडम ने साफ कहा है कि वह अपने नागरिकों को रूसी वैक्सीन की डोज नहीं देगा, ऐसे में हो सकता है कि शुरुआती दौर में वैक्सीन दूसरे देशों को न भेजी जाए. रूस की आम जनता पर वैक्सीन का असर देखने के बाद बाकी देश इसपर कोई फैसला कर सकते हैं. मॉस्को के गामलेया रिसर्च इंस्टिट्यूट ने एडेनोवायरस को बेस बनाकर यह वैक्सीन तैयार की है. रिसर्चर्स का दावा है कि वैक्?सीन में जो पार्टिकल्स यूज हुए हैं, वे खुद को रेप्लिकेट (कॉपी) नहीं कर सकते. रिसर्च और मैनुफैक्चरिंग में शामिल कई लोगों ने खुद को इस वैक्सीन की डोज दी है. कुछ लोगों को वैक्सीन की डोज दिए जाने पर बुखार आ सकता है. जिसके लिए पैरासिटामॉल के इस्तेमाल की सलाह दी गई है. रूस ने जहां वैक्सीन लॉन्च कर दी है, वहीं बाकी दुनिया अभी कोरोना टीकों का ट्रायल कर रही है. अमेरिका, ब्रिटेन, इजरायल, जापान, चीन भारत समेत कई देशों में वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल चल रहे हैं. ट्रायल के आखिरी स्टेज में कुल 5 वैक्सीन पहुंच चुकी हैं और शुरुआती नतीजे अक्टूबर तक आ सकते हैं.