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किसान आंदोलन के समर्थन में संत बाबा राम सिंह ने गोली मारकर की खुदकुशी

सुसाइड नोट में लिखा किसानों का दुख देख बहुत हुआ आहत

नई दिल्ली/दि.१६ –कृषि सुधार संबंधी कानूनों के विरोध में राजधानी दिल्ली और इसके आसपास आकर प्रदर्शन करने वाले हजारों किसानों का बुधवार को 21वां दिन है. प्रदर्शनकारी किसान आंदोलन कर तीनों नए कानूनों की वापसी की मांग कर रहे हैं. इस बीच, बुधवार को एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है. कथितौर पर किसान आंदोलन के समर्थन में संत बाबा रामसिंह ने खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली है.
करनाल के पास नानकसर गुरुद्वारा साहिब से थे रामसिंह. राम सिंह ने दिल्ली-हरियाणा स्थित सिंघु बॉर्डर पर खुद को गोली मारी है. राम सिंह ने सुसाइड नोट में कथित तौर पर लिखा- किसानों का दुख देखा, अपने हक लेने के लिए सड़कों पर रो रहे हैं. दिल बहुत दुखी हुआ, सरकार न्याय नहीं दे रही, जुल्म है, जुल्म करना पाप है, जुल्म सहना भी पाप है. किसी ने किसानों के हक में और जुल्म के खिलाफ कुछ किया किसी ने कुछ किया. कईयों ने सम्मान वापस किए, पुरस्कार वापस करके रोष जताया……. यह जुल्म के खिलाफ आवाज है और मजदूर किसान के हक में आवाज है. गौरतलब है कि सितंबर में संसद की तरफ से पास तीनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों की संख्या में पंजाब और हरियाणा से किसान दिल्ली के पास आकर प्रदर्शन कर रहे हैं और इन तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. किसानों का यह आरोप है कि इस कानून से उनकी आय में कमी हो जाएगी और ज्यादातर नियंत्रण बड़े उद्योगपतियों के हाथों में चला जाएगा. इसको लेकर किसानों और सरकार के बीच पांच दौर की बातचीत हो चुकी है. लेकिन, किसानों की तरफ से तीनों कानून वापसी लेकर अडिय़ल रूख अपनाने के बाद यह गतिरोध बना हुआ है.

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