नई दिल्ली/दि.१५– कार्मिक विभाग ने रातों-रात एयर इंडिया के दर्जनों पायलटों की नौकरी छीन ली है. पायलटों के अलावा कई क्रूमेंबर्स के कॉन्ट्रैक्ट भी रिन्यू नहीं करके उन्हें भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. पायलटों का आरोप है कि कार्मिक विभाग की ओर से की गई ये कार्रवाई अवैध है. उन्होंने इस मुद्दे पर एयर इंडिया प्रबंधन से हस्तक्षेप की मांग की है. इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन ने एयर इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक राजीव बंसल को इस बारे में एक पत्र लिखा है. दक्षिण क्षेत्र में 18 केबिन कू्र मेंबर्स की सेवाएं भी कर दी गईं समाप्त
आईसीपीए के पत्र में कहा गया है कि 50 पायलटों को कंपनी के सेवा नियमों के उल्लंघन को लेकर कार्मिक विभाग से अवैध टर्मिनेशन लेटर मिले हैं. संगठन ने एक ट्वीट में भी कहा है कि बिना उचित प्रक्रिया अपनाए रातों-रात हमारे 50 पायलटों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं. इस महामारी के समय में राष्ट्र की सेवा करने वालों के लिए यह जबरदस्त झटका है. इसके अलावा सदर्न बेस के कई ऐसे क्रू मेंबर्स के कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू नहीं किए गए हैं, जो पांच साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं. बताया जा रहा है कि दक्षिणी क्षेत्र में 18 केबिन कू्र की सेवाएं समाप्त कर दी गईं हैं
पायलटों के संगठन ने ने एयर इंडिया के सीएमडी को लिखे पत्र में कहा है कि पिछले साल इस्तीफा देने के बाद 6 महीने के नोटिस पीरियड के बीच वापस ले चुके पायलटों को गुरुवार रात 10 बजे अचानक सेवामुक्त कर दिया गया. पायलटों का आरोप है कि क्रू को उनके इस्तीफों की स्वीकृति और उसके बाद के नोटिस पीरियड के बारे में सूचित नहीं किया गया था. कार्यालय 13 अगस्त को बंद होने के बाद जाहिर है कि इन पायलटों की सेवाएं भी समाप्त हो गईं थीं. इसके बाद भी एक पायलट की 14 अगस्त को एआई 804/506 को संचालित करने की ड्यूटी लगाई गई. इन फ्लाइट्स को उड़ाने वाले पायलट 13 अगस्त के बाद तकनीकी रूप से एयर इंडिया के कर्मचारी नहीं थे.