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भारतीय प्रशासकीय सेवा में अधिकारियों के अनेक पद रिक्त

१४७२ आईएएस और ८६४ आईपीएस की जरूरत

नई दिल्ली दि. १५– भारतीय प्रशासकीय सेवा में अधिकारियों के अनेक पद रिक्त है. १४७२ आईएसएस, भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस )अधिकारियों के ८६४ और भारतीय वन सेवा (आईएफएस) अधिकारियों के १०५७ पद रिक्त है, यह जानकारी सरकार ने बुधवार को लोकसभा में दी. कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न का लिखित में जवाब देते हुए यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि, आईएसएस अधिकारियों के ४ ६ हजार ७८९, आईपीएस अधिकारियों के ४ हजार ९८४ और आईएफएस अधिकारियों के ३ हजार १९१ पद मंजूर है. वर्तमान में आईएसएस की संख्या ५ हजार ३१७, आईपीएस के ४ हजार १२० और आईएफएस अधिकारियों की संख्या २ हजार १३४ है. २०२१ में नागरी सेवा परीक्षा में चयनित ९१ उम्मीदवारों को कोई भी सरकारी सेवा नहीं दी जा सकती. सीमित प्राधान्य, वैद्यकिय जांच के परिणाम, आरक्षित प्रवर्ग के असफल दावे और उम्मीदवारों ने आवेदन वापस लेने से ऐसा हुआ है.

५ महिने में ६९ हादसे
* विगत ५ महिने के समयावधि में देश में वंदे भारत रेलवे की ६९ बार दुर्घटना हुई है. इसमें बेअरिंग के कारण अ‍ॅक्सल लॉक होने का एक प्रकरण और पशुओं की टक्कर से हुए हादसे के ६८ प्रकरण का समावेश है.
* केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने लोकसभा में द्रमुक सांसद ए.राजा ने पूछे एक सवाल के जवाब में बताया कि, वंदे भारत रेलवे उच्च श्रेणी के पोलाद से तैयार की है.
* रेल्वे को एअरोडायामिक प्रोफाइल देने के लिए इंजिन का आगे का हिस्सा फायबर रिइंफोर्सड प्लास्टिक से बनाया है. रेलवे में कम गुणवत्ता की सामग्री का इस्तेमाल करने की बात से उन्होंने इन्कार किया.

२०२४ तक देश में संपूर्ण रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण
७०००
करोड़ की बचत तीन वर्ष में विद्युतीकरण के कारण हुई है
१५०० किमी से अधिक रेल लाइन का काम हर साल चल रहा है.
१२ किमी प्रतिदिन इस गति से हर दिन नई लाइन का काम शुरु है.
रेलवे का डिजल पर खर्च * खर्च करोड़ में
२०१९————-१८,५८७
२०२०———- १६,३७७
२०२१——- ११,४३८

डिजल का इस्तेमाल पूरी तरह समाप्त करेंगे
* देश में ८५ प्रतिशत ब्रॉडगेज रेलवे का विद्युतिकरण हुआ है. डिजल में बायोफ्यूल का मिश्रण करने से भी डिजल के खर्च में कटौति हुई है.
* आगामी दो वर्ष में रेलवे में डिजल का उपयोग पूरी तरह समाप्त करने की सरकार की योजना है. उसकी जगह बिजली पर चलनेवाला इंजन लेगा.
इंजन दुरूस्ती पर खर्च: डिजल २,६८७ करोड़ * बिजली २,३४५ करोड़

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