नई दिल्ली /२१- महाराष्ट्र विधासभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही महाविकास आघाडी से जुड़े नेताओं और विपक्षियों के बीच अच्छी-खासी बहस हुई. पीएम नरेंद्र मोदी के नाम का उल्लेख मंत्री नितिन राउत ने उल्लेख करते हुए सवाल किया कि सबके खाते में 15 लाख कब आएंगे? शिवसेना विधायक भास्कर जाधव ने तो पीएम मोदी की मिमिक्री कर डाली. इससे विधानसभा में विपक्षी नेता देवेंद्र फडणवीस आक्रामक हो गए और माफी मांगने की मांग पर अड़ गए.देवेंद्र फडणवीस ने भास्कर जाधव को निलंबित करने की मांग कर डाली. इन सबके बीच इतना हंगामा हुआ कि विधानसभा की कार्रवाई दो बार स्थगित करनी पड़ी. इसके बाद भास्कर जाधव द्वारा माफी मांगे जाने से मामला शांत हुआ.
शिवसेना विधायक ने पीएम नरेंद्र मोदी पर क्या कह दिया?
विधानसभा में एक मुद्दे पर बोलते हुए मंत्री नितिन राउत ने पीएम नरेंद्र मोदी का उल्लेख किया. उन्होंने 2014 के लोकसभा के चुनाव से पहले काला धन बाहर लाने और सबके खाते में 15-15 लाख रुपए डालने के पीएम मोदी के आश्वासन को याद दिलाते हुए पूछा कि वे वादे कब पूरे होंगे? इस पर देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पीएम मोदी ने इस तरह का आश्वासन कभी नहीं दिया था. फडणवीस ने कहा कि जिस मुद्दे से पीएम मोदी का कोई संबंध नहीं है, उस मुद्दे को उठाना उचित नहीं है और वे इसे सहन नहीं करने वाले हैं.
इसके बाद शिवसेना विधायक भास्कर जाधव खड़े हुए. उन्होंने मिमिक्री करते हुए कहा कि 2014 में देश के पीएम होने से पहले नरेंद्र मोदी कहा करते थे कि, ‘ काला धन लाने का है कि नहीं लाने का…लाने का…लाने का है तो कहां रखने का…यूं ही रखने का…’ भास्कर जाधव द्वारा प्रधानमंत्री की इस तरह से हाव-भाव का नकल करते हुए यह कहने से देवेंद्र फडणवीस समेत बीजेपी के नेता उत्तेजित हो गए और भास्कर जाधव के निलंबन की मांग करने लगे.
देवेंद्र फडणवीस पीएम मोदी की मिमिक्री किए जाने से आक्रामक हुए
देवेंद्र फडणवीस ने भास्कर जाधव द्वारा पीएम मोदी की मिमिक्री किए जाने से उत्तेजित होकर कहा कि, ‘ सभागृह में देश के प्रधानमंत्री की मिमिक्री बर्दाश्त नहीं की जाएगी. क्या विधानसभा की कार्यवाही ऐसे ही चलेगी? मिमिक्री करते हुए भास्कर जाधव जो कह रहे हैं वो शोभनीय नहीं है. यह नहीं चलेगा. हम इनके नेताओं की नकल करेंगे तो चलेगा क्या? उन्हें माफी मांगनी होगी, अध्यक्ष महोदय.’
शिवसेना विधायक भास्कर जाधव ने मांगी माफी
नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस इतने आक्रामक हो गए कि उन्होंने विधासभा की कार्रवाई स्थगित करने की मांग की. इसके बाद भास्कर जाधव ने खड़े होकर इस पूरे मामले पर खेद व्यक्त किया और माफी मांग ली. इस तरह मामला शांत हुआ.