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तो अयोध्या विवाद पर शाहरुख खान से मध्यस्थता कराना चाहते थे जस्टिस बोबड़े?

नई दिल्ली/दि. 24 – सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबड़े ने अपने करीब 17 महीने के कार्यकाल के आखिरी दिन कोर्ट रूम से विदा लेने से पहले कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में ‘बेस्ट’ दिया है, लेकिन उन्हें नहीं पता कि वकील और आम लोग उनके कार्यकाल के बारे में क्या कहेंगे. वहीं बोबड़े के रिटायरमेंट के दिन एक दिलचस्प खुलासा भी हुआ. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने अपने फेयरवेल भाषण में अयोध्या विवाद की सुनवाई के दौरान पांच जजों की विशेष पीठ के सदस्य जस्टिस बोबड़े के मध्यस्थता के प्रयासों का जिक्र भी किया.
सिंह ने कहा कि ये 2019 के मार्च की बात है, तब पीठ ने मध्यस्थता के जरिए इस संवेदनशील मसले का हल किए जाने की पेशकश की थी. समिति के लिए नाम मांगे गए थे. फिर समिति भी बनाई गई, लेकिन उसी दौरान जस्टिस बोबड़े ने मुझसे पूछा कि क्या शाहरुख खान मध्यस्थता समिति में शामिल होने को तैयार होंगे? क्योंकि जस्टिस बोबड़े इस विवाद का ऐसा सर्वमान्य हल चाहते थे जिसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं हो. फिर मैंने शाहरुख से बात भी की. वो इसके लिए उत्साह से तैयार भी हो गए थे, लेकिन फिर बात सिरे नहीं चढ़ पाई.

वहीं जस्टिस बोबड़े ने रिटायरमेंट के दौरान कहा कि पहले भी इस तरह के पलों का साक्षी रहा हूं, लेकिन अपने रिटायरमेंट की पीठ में बैठना बहुत मिली जुली भावनात्मक फीलिंग देता है. मैं उसे शब्दों में बयान नहीं कर पा रहा हूं. AG के के वेणुगोपाल ने मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बोबड़े की तारीफ करते हुए कहा कि जब पिछले साल मार्च में कोरोना महामारी का विकराल रूप भारत में फैलने लगा था तो उन्होंने फिजिकल सुनवाई को वर्चुअल सुनवाई में तब्दील किया. वहीं SG तुषार मेहता ने कहा कि जस्टिस बोबड़े बेहतरीन व्यक्ति होने के साथ ही उनका अमेजिंग सेंस ऑफ़ ह्यूमर भी है.
बता दें कि जस्टिस बोबड़े का बतौर मुख्य न्यायाधीश आज आखिरी दिन रहा. शुक्रवार को वो रिटायर हो गए. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने उनको शाम करीब पांच बजे वर्चुअल समारोह में विदाई दी. बोबडे पहले ऐसे न्यायाधीश हैं जिनको वर्चुअल समारोह में विदाई दी गयी.

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