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समाज परिवर्तन सरकार के भरोसे संभव नहीं

संरसंघचालक मोहन भागवत का प्रतिपादन

भोपाल/दि.७- भोपाल में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की क्षेत्रीय बैठक में सरसंघचालक मोहन राव भागवत ने कहा कि समाज परिवर्तन सरकार के भरोसे संभव नहीं है.
स्वावलंबन का भाव समाज में स्थाई रूप से स्थापित हो इसके लिए प्रयास करना है. वहीं विश्व स्तरीय महामारी कोरोना के समाज में संघ के प्रति विश्वास बढ़ा है जिससे इस कालखंड में कई नए कार्यकर्ता एवं संस्थाएं संघ के संपर्क में आए हैं संघ के संपर्क में आई इस सज्जन शक्ति को संगठित करते हुए समाज के बीच में कार्य कराने के प्रयास कर अधिक गति देना है.
भागवत ने बैठक के तीसरे दिन कहा कि भागत ने कहा कि संघ के संपर्क में आए इन नए कार्यकतार्ओं को समाज के बीच में समाज के प्रश्नों के समाधान के लिए प्रत्यक्ष कार्य करने हेतु प्रेरित करने के भी प्रयास करने हैं, समाज की यह सज्जन शक्ति को सामाजिक समरसता, पर्यावरण, कुटुंबप्रबोधन विषय आदि के लिए कार्य करें और सामाजिक नेतृत्व यह कार्य स्थाई भाव में परिवर्तित हो क्योंकि सरकारों के भरोसे समाज परिवर्तन संभव नहीं है समाज परिवर्तन सामाजिक नेतृत्व के कारण ही संभव होता है कोरोना के इस काल में संपूर्ण समाज के प्रश्नों का समाधान समाज के द्वारा ही संभव हुआ है.
सरसंघचालक ने स्वयं सेवकों से मार्गदर्शन करते हुए ने कहा की कोरोना के समय में संघ का कार्य वर्चुअल रूप से चल रहा था अब उसी कार्य को धीरे-धीरे समाज के बीच में लाकर गति देने का कार्य भी करना है. कोरोना की विपरीत परिस्थितियों में संघ की शाखा मैदान पर लगाना संभव नहीं था किंतु अब इस कार्य को कोरोना की सभी अहतार्ओं को ध्यान में रखते हुए प्रत्यक्ष जमीनी स्तर पर लाना है और शाखाओं को मैदान पर छोटे-छोटे समूह में ले जाना है.

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