नई दिल्ली/दि.२– हाथरस कांड में योगी सरकार की ओर से बड़ी कार्रवाई की गई है. हाथरस के एसपी, डीएसपी और इंस्पेक्टर पर गाज गिरी है. तीनों को सस्पेंड कर दिया गया है. सभी का नारको पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराया जाएगा. इसमें पीडि़ता का परिवार भी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्राथमिक जांच रिपोर्ट के आधार पर मौजूदा एसपी, डीएसपी, इंस्पेक्टर और कुछ अन्य के खिलाफ सस्पेंशन की कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
थाने के पुलिसकर्मियों, वादी, प्रतिवादी सभी का पॉलीग्राफी टेस्ट कराया जाएगा. निलंबित होने वाले अधिकारियों के नाम एसपी विक्रांत वीर, सीओ राम शब्द, इंस्पेक्टर दिनेश कुमार वर्मा, एसआई जगवीर सिंह हैं. बता दें कि इससे पहले खबर आई थी कि हाथरस के जिलाधिकारी पर भी कार्रवाई हो सकती है. लेकिन फिलहाल उनका नाम लिस्ट में नहीं है. जिस तरीके से हाथरस प्रशासन ने इस पूरे मामले को हैंडल किया है उससे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद नाराज हैं. इस पूरे केस में हाथरस के जिलाधिकारी प्रवीण कुमार और एसपी ने जिस तरह से कार्रवाई की, उसके बाद से ही वो निशाने पर हैं. ष्ठरू प्रवीण कुमार पर तो गैंगरेप पीडि़ता के परिवार ने गंभीर आरोप भी लगाए हैं. पीडि़ता के परिजनों ने प्रशासन पर धमकाने और दबाव डालने का आरोप लगाया है.
गुरुवार को एक वीडियो सामने आया, जिसमें हाथरस के डीएम पीडि़त परिवार को धमकी देते दिख रहे हैं. हाथरस के डीएम कह रहे हैं कि मीडिया वाले तो चले जाएंगे, लेकिन प्रशासन को यहीं रहना है. हाथरस के पीडि़त परिवार का कहना है कि उनको धमकाया जा रहा है. केस को रफा-दफा करने के लिए दवाब डाला जा रहा है.
-
प्रियंका बोलीं-कुछ मोहरों को सस्पेंड करने से क्या होगा
इस बीच, योगी सरकार की इस कार्रवाई पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रतिक्रिया दी है. प्रियंका गांधी ने कहा कि कुछ मोहरों को सस्पेंड करने से क्या होगा? हाथरस की पीडि़ता, उसके परिवार को भीषण कष्ट किसके ऑर्डर पर दिया गया? हाथरस के डीएम, एसपी के फोन रिकार्ड्स पब्लिक किए जाएं.