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चुनाव के बाद बंगाल में हुई हिंसा पर सख्ती

मानवाधिकार और महिला आयोग ने लिया संज्ञान

बंगाल/दि. 4 –  पश्चिम बंगाल (West Bengal) में तृणमूल कांग्रेस (TMC) सुप्रीमो ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की सत्ता में वापसी के साथ राज्य में हिंसा का तांडव शुरू हो गया है. राज्य भर में लगातार बीजेपी के कार्यकर्ताओं की हत्या, घरों में लूटपाट, तोड़फोड़ और आगजनी को लेकर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip Ghosh) ने कहा है कि हिंसा सीमा से बाहर हो रही है, जिसे लेकर अब मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) और महिला आयोग ने मंगलवार को मामले का संज्ञान लिया है.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने मंगलवार को बंगाल में हो रही हिंसा का संज्ञान लिया और टीम गठित कर स्पॉट जांच करने का आदेश दिया है. राष्ट्रीय महिला आयोग का कहना है कि विधानसभा चुनाव के बाद बंगाल के नंदीग्राम में महिलाओं के साथ भी मारपीट की जा रही है. मालूम हो कि बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को नंदीग्राम (Nandigram) में 1956 वोटों से हरा दिया है. इससे टीएमसी कार्यकर्ताओं में गुस्सा है और हल्दिया और नंदीग्राम के अलग-अलग इलाकों में हिंसा और प्रदर्शन कर रहे हैं.
इससे पहले, सोमवार को व्यापक पैमाने पर राज्य में हिंसा देखने को मिली, जिसमें कथित तौर पर झड़प और दुकानों को लूटे जाने के दौरान कई भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत हो गई तो कई घायल हो गए. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से विपक्षी कार्यकर्ताओं पर हमले की घटना में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. बीजेपी नेताओं ने सोमवार को आरोप लगाया है कि चुनाव नतीजे आने के 24 घंटे के अंदर बीजेपी के 5 कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई.

दर्जनों बीजेपी समर्थकों के घरों में तोड़फोड़ की गई है और पार्टी कार्यालय में आग लगा दी गई है. भाजपा ने एक पार्टी कार्यालय में कथित आगजनी का वीडियो साझा किया है जिसमें बांस की बल्लियां और छत जलती हुई नजर आ रही है व परेशान लोगों को चिल्लाते हुए भागते देखा जा सकता है. सोशल मीडिया पर मृत व्यक्तियों की तस्वीरें और एक दुकान से कपड़े लूट कर भागते लोगों की फुटेज वायरल हो रही है.
राज्य भर में बीजेपी के कार्यकर्ताओं की हत्याएं, उनके घर और दफ्तरों पर हो रहे लगातार हमले, आगजनी, लूटपाट को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Governor Jagdeep Dhankhar) ने इस मामले को लेकर मंगलवार को पुलिस महानिदेशक (DG) पी नीरजनयन और कोलकाता पुलिस (CP) कमिश्नर सोमेन मित्रा से तुरंत रिपोर्ट तलब किया है. मंगलवार को डीजी और सीपी ने राज्यपाल से मुलाकात कर कार्रवाई का आश्वासन दिया था, उसके बाद भी भी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है.
राज्यपाल ने मंगलवार को ट्वीट किया, “रिपोर्टें भयावह स्थिति को दर्शाती हैं. भयभीत लोग खुद को बचाने के लिए भाग रहे हैं. एसओएस में अपील की बाढ़ आ गई है. हर्मद हत्या और विनाश का तांडव मचा रहे हैं. संवैधानिक मूल्यों के प्रति इस तरह के संबंध को नहीं माना जा सकता. राज्यपाल ने कहा, “बंगाल पुलिस और कोलकाता सीपी को संवेदनहीन राजनीतिक हिंसा, बर्बरता, आगजनी, हत्याओं और लोकतंत्र को शर्मसार करने वाली धमकी को समाप्त करना चाहिए. पूरी दुनिया में स्थित बंगालियों ने अराजकता पर चिंता जताई है. केवल बंगाल में चुनाव के बाद क्यों हिंसा होती है? लोकतंत्र पर यह हमला क्यों?”

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