10 वीं व 12 वीं की बोर्ड परीक्षा कितने बार देनी है विद्यार्थी करेंगे तय
दो बार परीक्षा देने की अनिवार्यता नहीं, केंद्रीय शिक्षा मंत्री का स्पष्टीकरण
नई दिल्ली/दि.11– कक्षा 10 वीं व 12 वीं के विद्यार्थियों हेतु अब साल में दो बार बोर्ड की परीक्षा देना अनिर्वाय नहीं रहेगा. इस आशय का स्पष्टीकरण केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्बारा जारी किया गया है. साथही उन्होंने बताया कि, अब कक्षा 10 व 12 वीं की बोर्ड परीक्षा कितनी बार देनी है. यह खुद विद्यार्थी ही तय करेंगे. यह फैसला विद्यार्थियों पर पडने वाले पढाई के बोझ को कम करने के लिए लिया गया है. इसके साथ ही केंद्रीय शिक्षा सलाहगार मंडल की पुनर्रचना भी की जाएगी.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के मुताबिक विद्यार्थियों के समक्ष अभियांत्रिकी परीक्षा की तरह की साल में दो बार बोर्ड परीक्षा देने का पर्याय उपलब्ध रहेगा. जिसमें शामिल होकर वे अपना सर्वोत्तम स्कोर चुन सकेंगे. हालांकि उन्हें दोनों बार परीक्षा देना अनिवार्य नहीं रहेगा. परंतु साल में दो परीक्षाओं का पर्याय उपलब्ध रहने के चलते विद्यार्थियों पर रहने वाला तनाव कम होगा तथा यदि एक परीक्षा में कम अंक मिलते है, तो दूसरे मौके का फायदा उठाकर उसकी भरपाई की जा सकती है.
बता दें कि, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने विगत अगस्त माह के दौरान नये पाठ्यक्रम की रचना के अनुसार 10 व 12 वीं के विद्यार्थियों को साल में दो बार परीक्षा देनी पडेगी. ऐसा घोषित किया था. जिसके बाद इस विषय को लेकर पूरे देश में शैक्षणिक स्तर पर बहस होनी शुरु हो गई थी. ऐसे में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस विषय को लेकर केंद्र सरकार की भूमिका को स्पष्ट किया है. साथ ही कहा है कि, केंद्र सरकार द्बारा लिया गया फैसला पूरी तरह से विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखकर लिया गया है और किसी भी विद्यार्थी के लिए साल में दोनों बार बोर्ड परीक्षा देना अनिवार्य नहीं किया जाएगा, बल्कि विद्यार्थी अपनी सुविधा के अनुरुप इन परीक्षाओं में हिस्सा ले सकेंगे.
* डमी शालाओं का मुद्दा गंभीर
कई बार कुछ विद्यार्थी अपने राज्य की शाला में प्रवेश लेते है और कोचिंग के लिए कोटा अथवा अन्य स्थानों पर चले जाते है. ऐसे विद्यार्थी पूरे साल भर शालाओं में जाते ही नहीं और सीधे बोर्ड की परीक्षा देते है. ऐसी डमी शालाओं का मामला भी बेहद गंभीर है. जिसकी ओर सरकार द्बारा अपनी ओर से पूरा ध्यान दिया जा रहा है. ऐसा भी केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्बारा बताया गया.
* किसी भी बच्चे की जान ना जाए
कोटा में बडे पैमाने पर विद्यार्थियों द्बारा आत्महत्या किए जाने के संदर्भ में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि, वे सब हमारे अपने बच्चे है और उनमें से किसी की भी जान नहीं जानी चाहिए. ऐसे में विद्यार्थियों को तनावमुक्त रखने के लिए हम सभी को साथ मिलकर सामूहिक प्रयास करने होंगे.