पटना/दि.२७– किसान आंदोलन को लेकर जारी विवाद के बीच बुधवार को बीजेपी नेता सुशील मोदी का अजीबोगरीब बयान सामने आया है. उन्होंने ने बिहार की राजधानी पटना में आयोजित पार्टी के एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि किसान आंदोलन के नाम पर दिल्ली की बॉर्डर पर पिछले दो महीनों से जो धरना चल रहा है, उसमें कोई गरीब किसान आपको दिखाई नहीं पड़ेगा. सूट बूट वाले, जूता, जीन्स, महंगी घड़ी पहने जिनके घरों में एयर कंडीशनर है, जो बड़ी-बड़ी गाडिय़ों पर चलते हैं वो लोग धरने पर बैठे हैं.
उन्होंने कहा कि अगर ये तीन कृषि कानून किसान विरोधी होता तो बिहार-यूपी के किसान सड़कों पर होते. यहां के किसानों को किसी ने सड़कों पर नहीं देखा. सिर्फ एक राज्य के किसान इस आंदोलन के अंदर सरकार का विरोध कर रहे हैं.
सुशील मोदी ने कहा कि मैं देश भर के किसानों को खास करके बिहार के किसानों को धन्यवाद देना चाहूंगा क्योंकि उन्होंने आरजेडी-कांग्रेस के भारतबंद को नकार दिया. ऐसे में जिस तरह से उन्होंने भारत बंद को नकारा है उसी तरह से वे 30 तारीख को होने वाली मानव श्रृंखला को नकार देगी. इस कार्यक्रम में आरजेडी के कार्यकर्ता हो सकते हैं, लेकिन बिहार का कोई किसान उसमें शामिल नहीं होगा क्योंकि बिहार का किसान नरेंद्र मोदी के साथ है. सुशील मोदी ने कहा कि कोई पार्टी अगर भारत की जनता के विकास के लिए काम कर सकती है तो वो भारतीय जनता पार्टी है. और उस नेता का नाम नरेंद्र दामोदर दास मोदी है. नरेंद्र मोदी की सरकार गरीबों के प्रति समर्पित है. किसानों के लिए काम करने वाली सरकार है.
दिल्ली हिंसा की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि कल जिस तरह से किसान आंदोलन के नाम पर दिल्ली में हिंसा हुई है, कोई भी सरकार उसे बर्दाश्त नहीं कर सकती है. जिस प्रकार से कल हिंसा हुई है, दिल्ली के लाल किले पर केवल तिरंगा फहरेगा, कोई दूसरा झंडा लाल किले पर नहीं फहर सकता है. लेकिन आंदोलनकारियों ने कल तिरंगे की बजाय दूसरा झंडा फहराने की कोशिश की है.
उन्होंने कहा कि इस आंदोलन के पीछे कौन लोग है ये बताने की जरूरत नहीं है. मैं फिर एक बार किसान नेताओं से अग्रह करना चाहता हूँ कि अभी भी समय है किसान आंदोलन को वापस ले लीजिए इससे बढिय़ा नेता इससे बढिय़ा सरकार आपको दिल्ली में कभी नहीं मिलेगी.