अप्रैल माह में गर्मी ने तोडा 122 साल का रिकॉर्ड
वर्ष 2010 के बाद आयी सबसे तेज ग्रीष्मलहर
* पांच वर्ष पश्चात सर्वाधिक बारिश होने का भी अनुमान
नई दिल्ली/दि.2– विगत अप्रैल माह में तापमान में एक-दो नहीं बल्कि पुरे 122 वर्षों का रिकॉर्ड तोड दिया है और इस वर्ष पूरे देश में औसत से करीब 3.35 डिग्री अधिक के स्तर तक तापमान जा पहुंचा. जिसकी वजह से देश के कई राज्यों में वर्ष 2010 के बाद सबसे अधिक तेज व भीषण ग्रीष्मलहर का असर देखा जा रहा है. वहीं यह भी अनुमान है कि, इस बार विगत पांच वर्षों की तुलना में सर्वाधिक बारिश भी होगी.
भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक अप्रैल माह के दौरान देश में औसत अधिकतम तापमान 33.94 डिग्री सेल्सियस रहता है, जो इस वर्ष 35.05 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा. यह औसत की तुलना में 1.12 डिग्री सेल्सियस अधिक था. इसमें से जम्मु कश्मीर, लदाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली व उत्तरप्रदेश जैसे राज्योें में औसत से 3.35 डिग्री सेल्सियस अधिक यानी 35.90 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा. वहीं महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ व ओडीशा में 37.78 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया, जो औसत तापमान की तुलना में 1.49 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा.
इससे पहले विगत 122 वर्षों के इतिहास में केवल 3 बार तापमान ने औसत स्तर को पार किया था. जिसके तहत वर्ष 1973 में 35.30, वर्ष 2010 में 35.42 तथा वर्ष 2016 में 35.32 डिग्री सेल्सियस के स्तर पर तापमान पहुंचा था. इसके साथ ही इस वर्ष भीषण गर्मीवाले दिनों और ग्रीष्म लहरवाले दिनों की संख्या भी वर्ष 2010 के बाद सर्वाधिक रही. विगत अप्रैल माह में कुल 6 पश्चिमी विक्षोभ आये, लेकिन इसमें से केवल एक ही विक्षोभ का कुछ हद तक असर देखा गया.
* उत्तरी व वायव्य राज्यों में अप्रैल माह का तापमान (डिग्री सेल्सियस)
वर्ष औसत तापमान फर्क
1980 34.50 +1.96
1999 35.06 +2.52
2010 35.40 +2.85
2007 34.46 +1.91
2022 35.90 +3.35
* मध्य भारत में अप्रैल माह का तापमान (डिग्री सेल्सियस)
वर्ष औसत तापमान फर्क
1973 37.75 +1.45
2010 37.67 +1.38
2016 37.62 +1.32
2017 37.53 +1.23
2022 37.78 +1.49
* आंखों के लिए घातक हो सकती है तेज गर्मी
– सूरज की अल्ट्रावॉईलेट किरणों से हो सकता है नुकसान
जिस तरह गर्मी के मौसम में अपने बालोें और त्वचा की ओर ध्यान दिया जाता है, उसी तरह से आंखों की ओर ध्यान दिया जाना भी बेहद जरूरी होता है, क्योेंकि गर्मी के मौसम में सूरज से निकलनेवाली अल्ट्रावॉईलेट किरणे आंखों को काफी हद तक नुकसान पहुंचा सकती है. ऐसे में भीषण गर्मी के समय बिना गॉगल या चश्मा लगाये खुली धूप में जाना आंखों के लिए काफी हद तक घातक साबित हो सकता है. अत: धूप में निकलते समय आंखों पर गहरे काले रंग का सनग्लास यानी गॉगल जरूर लगाना चाहिए. साथ ही आंखों को शांत व सुरक्षित रखने के लिए नेत्र विशेषज्ञों की सलाह से प्रभावी व कारगर आय ड्रॉप का प्रयोग भी करना चाहिए.