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गर्मी ने किया बेहाल, बिजली की पीक डिमांड का 2 साल का टूटा रिकॉर्ड

7026 मेगावॉट पहुंची डिमांड

नई दिल्ली/ दि. 1 – दिल्‍ली में इस समय भयंकर गर्मी पड़ रही है. लोग गर्मी के कारण बेहाल हैं. बुधवार को इस साल का अब तक का सबसे गरम दिन रहा. शहर का अधिकतम तापमान 43.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इस दौरान लोगों को ना केवल गर्मी बल्कि लू के थपेड़ों का भी सामना करना पड़ा. वहीं तेज गर्मी के कारण गुरुवार को राजधानी में बिजली की पीक डिमांड 7026 मेगावॉट तक पहुंच गई. यह 2020 और 2021 में अब तक की सबसे ज्यादा मांग है यानि शहर में बिजली की पीक डिमांड का 2 साल का रिकॉर्ड टूट गया है. 2019 में 2 जुलाई को बिजली की मांग ऑल-टाइम हाई 7409 मेगावॉट पहुंची थी. लेकिन, पिछले साल गर्मियों में लॉक डाउन के कारण पीक डिमांड में कमी दर्ज की गई और यह सिर्फ 6314 मेगावॉट के आंकड़े को छू पाई .

  • इस बार पीक डिमांड 7000 मेगावॉट से 7400 मेगावॉट के बीच रहेगी

इस साल के लिए डिस्कॉम्स ने अनुमान लगाया गया था कि बिजली की मांग 7900 मेगावॉट तक जा सकती है, लेकिन लॉकडाउन और बारिश-तूफान आदि को देखते हुए लग रहा है कि पीक डिमांड अपेक्षाकृत कम रह सकती है. इस बार पीक डिमांड 7000 मेगावॉट से 7400 मेगावॉट के बीच रहने की संभावना है.

  • अस्पतालों और कोविड सेंटरों को मिल रही पूरी बिजली

कोविड के इस दौर में, आवश्यक सेवा के तौर पर बीएसईएस अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. अस्पतालों, पैथ-लैब्स, क्वारंटीन सेंटरों, वैक्सीनेशन सेंटरों और अन्य जरूरी सेवाओं को विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ-साथ, बीएसईएस अपने 45 लाख उपभोक्ताओं को भी बेहतर बिजली आपूर्ति उपलब्ध करा रही है. बीएसईएस विभिन्न स्टेकहोल्डरों के साथ कोविड की स्थिति पर नजर रखे हुए है. उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली आपूर्ति उपलब्ध कराने के लिए बीएसईएस ने न सिर्फ बिजली की पर्याप्त व्यवस्था की है, बल्कि बिजली की मांग का लगभग सटीक अनुमान लगाने के लिए वह अत्याधुनिक तकनीकों का भी इस्तेमाल कर रही है. इसमें मौसम का अनुमान लगाने वाली तकनीक भी शामिल है. बता दें कि लोड का लगभग सटीक अनुमान लगाने में तापमान, बारिश, बादल, हवा की गति, हवा की दिशा और उमस आदि की महत्वपूर्ण भूमिका होती है.

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