
नई दिल्ली/दि.5-रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) के कामकाज को सुप्रीम कोर्ट ने निराशाजनक बताया है. जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने मंगलवार को रियल एस्टेट से जुडे एक केस की सुनवाई दौरान यह टिप्पणी की.
केस में पेश हुए वरिष्ठ वकील के. परमेश्वर ने रियल एस्टेट क्षेत्र में डोमिनो प्रभाव के बारे में बताते हुए दलीलें शुरू कीं. इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि रेरा जिस उद्देश्य से बनाया गया था, उसे देखते हुए काम निराशाजनक रहा है. जब एक बिल्डर का प्रोजेक्ट विफल होता है तो उससे जुडे कई अन्य प्रोजेक्ट भी विफल हो जाते हैं. इससे कई निवेशक और घरों के खरीदार प्रभावित होते हैं. परमेश्वर ने कहा कि खरीदारों और कंपनियों की सुरक्षा के लिए 2016 के स्थिल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम के तहत विनियामक तंत्र और अधिक मजबूत करना चाहिए. कोर्ट को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए. इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हम आपकी चिंता समझते हैं. मगर राज्य सरकारें संघवाद का हवाला देकर नए विनियामक उपायों का विरोध कर सकती हैं. पिछले साल सितंबर में भी सुप्रीम कोर्ट ने रेरा की आलोचना करते हुए कहा था कि यह पूर्व नौकरशाहों के लिए पुनर्वास केंद्र बनता जा रहा है. उन्होंने अधिनियम की पूरी योजना विफल कर दी है.