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शिक्षा से जुडे़ मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला

कहा- टयूशन फीस हमेशा सस्ती होनी चाहिए

दिल्ली दि. १० – शिक्षा लाभ कमाने का जरिया नहीं है और टयूशन फीस हमेशा सस्ती होनी चाहिए. ऐसा सुप्रीम कोर्ट ने कहा है. कोर्ट ने यह बात आंध्र प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में टयूशन फीस बढाने के फैसले पर कही. इसके साथ ही न्यायालय ने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश को बरकरार रखा जिसमें मेडिकल कॉलेजों में टयूशन फीस बढाकर २४ लाख रूपए सालाना किए जाने के आदेश को राज्य सरकार के फैसले को रदद् कर दिया था.आंध्र प्रदेश सरकार ने हाल ही में शिक्षा फीस में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है. जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में टिप्पणी करते हुए कहा कि, शिक्षा कमाने का जरिया नहीं है. इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति एम.आर.शाह और सुधांशू ध्ाुलिया के खंडपीठ में हुई. दरअसल, आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा मेडिकल कॉलेजों में टयूशन फीस बढाकर २४ लाख रुपए सालाना किए जाने के फैसले को रद्द कर दिया गया था. जिसे अब सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ मेडिकल कॉलेज ने दायर की याचिका को खारिज कर दिया.

वर्ष २०१७ में दिए थे आदेश
राज्य सरकार ने ६ सितंबर २०१७ को अपने आदेश में एमबीबीएस के विद्यार्थियों के फीस में बढोतरी की थी. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, बढोतरी फीस संदर्भ में हाईकोर्ट ने ६ सितंबर २०१७ में जारी किया आदेश गलत नहीं.

महाविद्यालय के सरकार के लाभार्थी
* २०१७ के सरकारी आदेशनुसार वसूल-संकलित की गई रकम रखने की अनुमति व्यवस्थापन को नहीं दी जा सकती.
* मेडिकल कॉलेजों ने इस रकम का अनेक वर्ष तक इस्तेमाल किया. और उनके पास रखी. दूसरी ओर अनेक वर्षों से विद्यार्थियों ने वित्तीय संस्था और बैंकों से कर्ज लेने के बाद ज्यादा शिक्षा शुल्क भरा और ब्याज दिया.
* हाईकोर्ट ने जारी किए आदेश में भी दखलअंदाजी करने की आवश्यकता नहीं.

 

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