देश दुनिया

सर्वोच्च न्यायालय सबसे गैर अनुशासित जगह

न्या. भूषण गवई का स्पष्ट मत

* नागपुर, औरंगाबाद व मुंबई को बताया अनुशासित
नई दिल्ली /दि.9– देश में सुप्रीम कोर्ट सबसे गैर अनुशासित जगह है. मैंने मुंबई उच्च न्यायालय सहित नागपुर व औरंगाबाद खंडपीठों में भी काम किया है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट जैसा गैर अनुशासित वातावरण मैंने और कई भी नहीं देखा. इस आशय की टिप्पणी खुद सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति भूषण गवई द्वारा की गई है.
उल्लेखनीय है कि, सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा मुख्य न्यायामूर्ति संजीव खन्न आगामी मई माह में सेवानिवृत्त होने जा रहे है. जिनके स्थान पर न्या. भूषण गवई विराजमान होगे. इससे पहले न्या भूषण गवई ने सर्वोच्च न्यायालय व उच्च न्यायालय के वातावरण की तुलना करते हुए कहा कि, सुप्री कोर्ट के दालान में 6 वकील एक ओर तथा 6 वकील दूसरी ओर बैठे होते है और सभी वकील एक ही समय बोलते है. जिसके चलते संभ्रम वाला वातावरण पैदा होता है. जबकि हाईकोर्ट में काम करते समय उन्हें इस तरह का दृश्य कभी भी दिखाई नहीं दिया. इसके साथ ही न्या. भूषण गवई ने न्यायालयीन कामकाज में बाधा डालने वाले वकीलों को लेकर नाराजगी जतायी है.

* मई माह में न्या. गवई बनेंगे मुख्य न्यायामूर्ति
गत वर्ष नवंबर माह में तत्कालीन मुख्य न्यायामूर्ति धनंजय चंद्रचूड की सेवानिृत्त होने पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायामूर्ति नियुक्त हुए न्या. संजीव खन्ना आगामी 13 मई 2025 को सेवानिवृत्त होने जा रहे है. जिसके उपरान्त न्या. भूषण गवई देश के मुख्य न्यायमूर्ति पद पर विराजमान होंगे. इस पद पर विराजमान होने वाले वे अनुसूचित जाति से वास्ता रखने वाले दूसरे न्यायामूर्ति होंगे. इससे पहले एससी प्रवर्ग से इस पद पर न्या. के. जी. बालकृष्ण की नियुक्ति हुई थी. वहीं अब अनुसूचित जाति से वास्ता रखने वाले न्या. भूषण गवई देश के मुख्य न्यायामूर्ति बनने जा रहे है.

Back to top button