‘डेल्टा प्लस वेरिएंट को फैलने से रोकने के लिए उठाएं कदम’
स्वास्थ्य मंत्रालय ने 8 राज्यों को दिए निर्देश
नई दिल्ली/ दि. 25 – केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट को फैलने से रोकने के लिए तमिलनाडु, गुजरात समेत 8 राज्यों को पत्र लिखकर निर्देश जारी किया है. केंद्रीय स्वास्थ्य राजेश भूषण ने पत्र में लिखा है कि जिन जिलों में वायरस का यह नया वेरिएंट मिला है, वहां कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग, भीड़भाड़ को रोकने और प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन जैसे कदम उठाए जाएं. राजेश भूषण ने इसे लेकर तमिलनाडु, गुजरात, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, पंजाब, जम्मू-कश्मीर हरियाणा के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र में लिखा, “INSACOG (इंडियन SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम) ने बताया है कि डेल्टा प्लस वेरिएंट चिंताजनक स्वरूप (VOC) है. यह ज्यादा संक्रामक है और फेफड़ों की कोशिकाओं के साथ मजबूती से जुड़ता है. साथ ही यह मोनोक्लोनल एंटीबॉडी को भी कम करता है.”
INSACOG देश की 10 लैब का एक समूह है, जिसकी स्थापना सरकार ने पिछले साल 25 दिसंबर को की थी. यह तब से कोरोना वायरस की जीनोम सीक्वेंसिंग और वायरस का विश्लेषण कर रहा है. जीनोम सीक्वेंसिंग के अलावा वायरस के नए स्वरुपों के मिलने पर, इसे रोकने के लिए वहां उठाए जाने वाले कदमों को लेकर भी सलाह देता है.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने अपने पत्र में लिखा है कि इस मामले में उठाए जाने वाले कदम और अधिक केंद्रित एवं कड़े होने चाहिए. उन्होंने राज्यों से कहा कि कोविड से संक्रमित हो पाए गए लोगों के पर्याप्त सैंपल INSACOG के तहत आने वाले लैब को भेजें ताकि नैदानिक महामारी विज्ञान संबंधों को स्थापित किया जा सके.
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देश में डेल्टा प्लस वेरिएंट के 48 मामले
इससे पहले आज स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अब तक देश में 45,000 सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग में से कोविड के डेल्टा प्लस वेरिएंट के 48 मामले सामने आए और उनमें से सबसे अधिक 20 मामले महाराष्ट्र से हैं. राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) के निदेशक सुजीत सिंह ने कहा कि तमिलनाडु में डेल्टा प्लस के 9 जबकि मध्य प्रदेश में 7, केरल में तीन, पंजाब और गुजरात में दो-दो तथा आंध्र प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, जम्मू और कर्नाटक में एक-एक मामला सामने आया है. सिंह ने स्वास्थ्य मंत्रालय की मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “इस म्यूटेशन (डेल्टा प्लस) के मामले बहुत सीमित हैं. भारत में, बहुत सीमित मामले हैं (डेल्टा प्लस के). करीब 50 मामले हैं जो 12 जिलों में सामने आए हैं और यह पिछले तीन महीनों में हुआ है. यह नहीं कहा जा सकता कि किसी भी जिले या राज्य में इसकी बढ़ोतरी की प्रवृत्ति है.” उन्होंने कहा कि अभी तक यह नहीं सामने आया है कि इसके फैलने की गंभीरता अधिक है या इससे अधिक गंभीर बीमारी हो सकती है. यदि वैज्ञानिक साक्ष्य मिलते हैं तो हम निश्चित रूप से आपको उसके बारे में बताएंगे.