नई दिल्ली/दि.16 – चीन, पाकिस्तान, रूस और तुर्की औपचारिक रूप से अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता देने के लिए तैयार नजर आ रह हैं. तालिबान ने रविवार को राजधानी काबुल स्थित राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया और देश के राष्ट्रपति अशरफ गनी सरकारी अधिकारियों के साथ तजाकिस्तान भाग गए. तालिबान का अब देश पर पूरी तरह से नियंत्रण हो गया है और माना जा रहा है कि जल्द ही संगठन ‘इस्लामी अमीरात ऑफ अफगानिस्तान’ की घोषणा कर सकता है.
अधिकतर वैश्विक शक्तियां अफगानिस्तान पर तालिबान के शासन को मान्यता देने के लिए अनिच्छुक नजर आ रही हैं. ब्रिटेन (Britain) के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने चेतावनी दी है कि अफगानिस्तान को ‘आतंकवाद का प्रजनन स्थल’ बनने नहीं दिया जा सकता है. लेकिन बीजिंग और इस्लामाबाद संभावित नई सरकार के साथ रिश्ते बनाने के लिए इसे मान्यता दे सकते हैं. चीन की सरकारी मीडिया अपने लोगों को इस संभावित हालात को स्वीकार करने के लिए तैयार कर रही है कि सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी को इस्लामी समूह को मान्यता देनी पड़ सकती है.
चीन में पिछले महीने सरकारी मीडिया द्वारा विदेश मंत्री वांग यी की तस्वीरें जारी की गई थीं, जिसमें उन्हें पारंपरिक कपड़े पहने हुए तालिबान अधिकारियों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर खड़े देखा जा सकता था. चीनी सरकार ने सोमवार को कहा कि वह तालिबान के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध विकसित करने के लिए तैयार है. एएफपी के अनुसार, विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, चीन स्वतंत्र रूप से अपने भाग्य का निर्धारण करने के अफगान लोगों के अधिकार का सम्मान करता है और अफगानिस्तान के साथ मैत्रीपूर्ण और सहकारी संबंध विकसित करना जारी रखना चाहता है.
वहीं, रूस ने कहा कि इसकी अभी काबुल स्थित दूतावास को खाली करने की कोई योजना नहीं है. रूसी सरकारी मीडिया का कहना है कि तालिबान ने अफगानिस्तान में राजनयिक स्टाफ की सुरक्षा की गारंटी का वादा किया है. तालिबान प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा है कि संगठन के रूस के साथ अच्छे रिश्ते हैं और रूस और अन्य दूतावासों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नीति बनाई गई है.
सुन्नी मुस्लिम तालिबान के साथ लंबे समय से तनावपूर्ण रिश्ते रखने वाले ईरान ने भी अपने राजनयिकों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम बढ़ाया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हाल के समय में तालिबान द्वारा किए गए अत्याचारों की निंदा करने से इनकार किया है. ऐसे में इस बात को लेकर चर्चा है कि पाकिस्तान तालिबान सरकार को मान्यता देगा. तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने कहा कि तालिबान के देशव्यापी हमले के बीच बढ़ती प्रवास लहर को रोकने के लिए उनका देश पाकिस्तान के साथ अफगानिस्तान में स्थिरता के लिए काम करेगा.