नई दिल्ली/दि.२०– प्याज पिछले साल की तरह उपभोक्ताओं के आंसू निकाल रही है. बरसात में फसल खराब होने की वजह से प्याज के दाम लगातार आसमान छू रहे हैं, जिससे आम उपभोक्ता परेशान हैं. नवरात्र में उत्तर भारत समेत देश के अधिकांश हिस्से में लोग लहसुन-प्याज नहीं खाते हैं, जिससे खपत कम होती है. मगर इससे प्याज की महंगाई से राहत नहीं मिली.
देश की सबसे बड़ी प्याज की मंडी महाराष्ट्र के लासलगांव में मंगलवार को अच्छी प्याज का भाव 6 हजार 802 रुपये प्रति क्विंटल तक जा पहुंचा. जिससे प्याज की कीमतें 45 से 50 रुपये किलो तक पहुंच गईं. लेकिन यह कीमतें यहां थमने वाली नहीं है. आने वाले दिनों में प्याज की कीमतें और बढ़ सकती हैं. ऐसा माना जा रहा है कि अगर प्याज के भाव इसी तेजी से बढ़ते रहे तो दीपावाली पर प्याज और महंगा हो सकता है और यह रिटेल में 100 रुपये प्रति किलो या उससे भी महंगा हो सकता है
कारोबारी बताते हैं कि, साउथ और महाराष्ट्र में बारिश हुई, यानी प्याज उत्पादक राज्यों में बारिश के कारण फसल खराब हो गई, जिसके कारण शॉर्टेज है. वहीं नई फसल आने में देर है, जहां कहीं भी नई फसल आ रही है, वो भी पर्याप्त नहीं है. साथ ही ऊंचे भाव पर ही किसान के पास से आ रहा है प्याज. जबकि आजादपुर मंडी में आलू और प्याज मर्चेट एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी राजेन्द्र शर्मा ने बताया कि बरसात के कारण पिछले साल जैसा हाल बन चुका है, हालात खराब हैं. आज हमारे यहां प्याज के 17 कट्टे आए हैं. दिल्ली में महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और राजस्थान से प्याज आ रहा है.