नई दिल्ली/दि.२० – पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस से लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटील तक सभी प्रमुख विपक्षी नेताओं ने दावा किया है कि महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार अब और ज्यादा दिनों तक नहीं चलने वाली, यह जल्दी ही गिर जाएगी. इन दावों के दरम्यान ही भाजपा नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ठाकरे सरकार को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. अमित शाह के इस बयान के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. अमित शाह ‘टाइम्स नाऊ’ न्यूज चैनल को अपना इंटरव्यू दे रहे थे. इसी इंटरव्यू में उनसे यह सवाल किया गया था कि राज्य में ठाकरे सरकार कितने दिनों तक चलेगी? इस सवाल का जवाब देते हुए अमित शाह ने यह बयान दिया कि शिवसेना ने हमारे साथ चुनाव लड़ा था. शिवसेना हमारी सहयोगी पार्टी थी. गठबंधन की शुरुआत से ही वो हमारी छोटी सहयोगी पार्टी की भूमिका में थी. (इस बात पर अक्सर बहस होती रही है कि महाराष्ट्र में बड़े भाई की भूमिका में पहले शिवसेना थी बाद में भाजपा ने बड़े भाई की भूमिका में आना चाहा तो गठबंधन टूट गया) अमित शाह ने कहा कि शिवसेना ने मुख्यमंत्री बनने के लिए भाजपा का साथ छोड़ कर कांग्रेस-एनसीपी से हाथ मिला लिया. वैचारिक द़ृष्टि से शिवसेना और कांग्रेस-एनसीपी एक-दूसरे से कोसों दूर है. इसलिए भाजपा का शुरू से ही यह मत है कि महाराष्ट्र में अपवित्र महाविकास आघाड़ी की सरकार है. और यह सरकार अपने ही वजन के बोझ तले गिर जाएगी. इसके लिए भाजपा को कुछ करने की जरूरत नहीं है. आगे अमित शाह ने यह जरूर कहा कि तब तक भाजपा यानी फडणवीस ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन का काम जारी रहेगा.
कुछ दिनों पहले अहमदाबाद में अमित शाह और शरद पवार के बीच एक गुप्त मुलाकात की खबर सामने आई थी इससे राज्य में राजनीति काफी गर्म हो गई थी और भाजपा-एनसीपी के करीब आने की संभावनाओं को बल मिला था और महाविकास आघाड़ी सरकार में आपसी तनाव की खबरें भी चर्चाओं में आईं थीं. इस बैठक को लेकर तब अमित शाह से पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि ऐसी मुलाकातों की बातें सार्वजनिक नहीं की जातीं. दूसरी तरफ शरद पवार ने तो इस विषय पर कोई जवाब नहीं दिया था लेकिन उनके करीबी सहयोगी प्रफुल पटेल ने कहा था कि महाविकास आघाडी सरकार को डिजाइन करने की पहले खुद शरद पवार ने की है. वे इस सरकार के मुख्य आर्किटेक्ट हैं. ऐसे में शरद पवार ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे महाविकास आघाड़ी सरकार में दूरियां बढ़े और सरकार को कोई खतरा हो. टाइम्स नाऊ को दिए गए इस इंटरव्यू में जब अमित शाह से उनकी शरद पवार से मुलाकात के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस संबंध में कुछ भी विस्तार से कहने को नकार दिया. ऐसा करके उन्होंने उस मुलाकात से जुड़ा सस्पेंस एक बार फिर बढ़ा दिया.
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रेमडेसिविर की राजनीति पर अमित शाह का जवाब
महाराष्ट्र में कोरोना का भीषण संकट छाया हुआ है. कोरोना के इलाज में अत्यंत महत्वपूर्ण रेमडेसिविर के इंजेक्शन को लेकर राज्य सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने आरोप लगाया था कि केंद्र रेमडेसिविर इंजेक्शन उत्पादक कंपनियों को इन्हें महाराष्ट्र को उपलब्ध करवाने से रोक रही है. इस तरह रेमडेसिविर को लेकर जो राज्य सरकार और केंद्र के बीच जो आरोप-प्रत्यारोप का खेल चल रहा है उस पर सवाल किए जाने पर अमित शाह ने कहा कि रेमडेसिविर महाराष्ट्र और गुजरात इन दोनों राज्यों में तैयार होती हैं. हमने उत्तर प्रदेश को प्राथमिकता ना देते हुए (जबकि उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार है) महाराष्ट्र को रेमडेसिविर उपलब्ध करवाए. महाराष्ट्र में बढ़ती हुई कोरोना संक्रमण की संख्या को देखते हुए हमें राज्य सरकार की चिंता समझ आती है लेकिन उन्हें इस विषय पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.
प. बंगाल के चुनाव में रैलियों में उमड़ी भीड़ पर बोले शाह
एक तरफ कोरोना के बढ़ते हुए संकट को देखते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पश्चिम बंगाल में अपनी सभी सभाएं रद्द कर दीं तो दूसरी तरफ कोरोना संक्रमण के दौरान पश्चिम बंगालसहित पांच राज्यों में शुरू प्रचार रैलियों में उमड़ी भीड़ को लेकर पूछे गए सवाल पर अमित शाह ने उत्तर दिया कि ये चुनाव सरकार नहीं करवाती, चुनाव आयोग आयोजित करवाता है.