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तीन दशकों में भारतीयों की 8 साल बढ़ गई उम्र

बीमारियों से मरने वालों की संख्या में आई कमी

दिल्ली/दि.6– एक नए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि दुनिया भर में 1990 की तुलना में 2021 में लोगों की उम्र में छह साल से ज्यादा इजाफा हुआ है. जबकि इस अध्ययन के मुताबिक भारत में लोगों की उम्र 8 साल बढ़ गई है. यह अध्ययन हाल ही में साइंस मैगजीन द लैंसेट में प्रकाशित हुआ है. अध्ययन में कहा गया है कि वर्तमान में डायरिया, श्वसन संक्रमण में कमी, स्ट्रोक और इस्केमिक हृदय रोग से होने वाली मौतों की संख्या में कमी आई है जिसके चलते लोगों की जीवन प्रत्याशा में बढ़ोतरी हुई है.
* भूटान के लोगों की उम्र में 13.6 वर्ष की वृद्धि
शोधकर्ताओं ने कहा है कि यदि 2020 में कोविड महामारी नहीं फैली होती तो लोगों की उम्र में और वृद्धि हो सकती थी. अध्ययन में कहा गया है कि दक्षिण एशियाई इलाकों में भूटान के लोगों के जीवन में सबसे ज्यादा 13.6 वर्ष की वृद्धि हुई है. इसके बाद इसके बाद बांग्लादेश (13.3), नेपाल (10.4), और पाकिस्तान (2.5 वर्ष) का स्थान है. शोधकर्ताओं ने कहा कि महामारी द्वारा उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद दक्षिण पूर्व एशिया, पूर्वी एशिया और ओशिनिया के क्षेत्र में 1990 और 2021 (8.3 वर्ष) के बीच जीवन प्रत्याशा में सबसे बड़ा फायदा हुआ है. इसके पीछे मुख्य कारण क्रोनिक श्वसन से होने वाली मौतों में कमी बताया गया है. बीमारियां, स्ट्रोक, श्वसन संक्रमण और कैंसर जैसी बीमारी में कमी आने से भी लोगों की उम्र बढ़ी है. अध्ययन में कहा गया है कि महामारी के प्रबंधन ने इन फायदों को संरक्षित करने में मदद की. 1990 और 2021 (7.8 वर्ष) के दौरान क्षेत्रों के बीच दक्षिण एशिया में जीवन प्रत्याशा में दूसरी सबसे बड़ी वृद्धि हुई, जिसका मुख्य कारण डा यरिया से होने वाली मौतों में भारी गिरावट है.
* आंत की बीमारी से मरने वालों की संख्या हुई कम
अध्ययन में पाया गया कि मृत्यु के विभिन्न कारणों को देखते हुए, अध्ययन से पता चलता है कि आंतों की बीमारियों से होने वाली मौतों में तेज गिरावट आई है, बीमारियों का एक वर्ग जिसमें दस्त और टाइफाइड शामिल हैं. इन सुधारों से 1990 और 2021 के बीच दुनिया भर में जीवन प्रत्याशा 1.1 वर्ष बढ़ गई. इस अवधि के दौरान निचले श्वसन संक्रमण से होने वाली मौतों में कमी से वैश्विक जीवन प्रत्याशा में 0.9 वर्ष का इजाफा हुआ है. स्ट्रोक, नवजात संबंधी विकार, इस्केमिक हृदय रोग और कैंसर सहित अन्य कारणों से होने वाली मौतों को रोकने में प्रगति से दुनिया भर में जीवन प्रत्याशा में भी वृद्धि हुई है. प्रत्येक बीमारी के लिए, मौतों में कमी 1990 और 2019 के बीच सबसे अधिक देखी गई.

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