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बच्चों की वैक्सीन आने से साफ होगा स्कूल खुलने का रास्ता

एम्स के प्रमुख रणदीप गुलेरिया

नई दिल्ली/दी.२७- अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली के प्रमुख डा. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी.  इससे स्कूल खुलने तथा उनके लिए बाहर की गतिविधियों के लिए रास्ता साफ होगा. उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक के टीके कोवैक्सीन के दो से 18 साल के बच्चों पर किए गए दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण के आंकड़े सितंबर तक आने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि औषधि नियामक की मंजूरी के बाद भारत में उस समय के आस-पास बच्चों के लिए टीके उपलब्ध हो सकते हैं. डा. गुलेरिया ने बताया कि उससे पहले अगर फाइजर के टीके को मंजूरी मिल गई तो यह भी बच्चों के लिए एक विकल्प हो सकता है. सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि जायडस कैडिला द्वारा भी भारत के औषधि महानियंत्रक के समक्ष अपने टीके जायकोव-डी के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन किए जाने की उम्मीद है। कंपनी का दावा है कि इसे वयस्कों और बच्चों दोनों को दिया जा सकता है. डा. गुलेरिया ने कहा, इसलिए अगर जायडस के टीके को मंजूरी मिलती है तो यह भी एक और विकल्प होगा. उन्होंने कहा कि बच्चों में यद्यपि कोरोना संक्रमण के हल्के लक्षण होते हैं और कुछ में लक्षण भी नहीं होते. इसके बावजूद वे संक्रमण फैला सकते हैं. बीते डेढ़ साल में कोरोना महामारी के कारण पढ़ाई में हुए व्यापक नुकसान का हवाला देते हुए एम्स प्रमुख ने कहा, स्कूलों को फिर से खोलना होगा और टीकाकरण इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि महामारी से उबरने का रास्ता वैक्सीनेशन ही है.सरकार ने हाल में चेतावनी दी थी कि कोरोना ने अब तक भले ही बच्चों को बड़े पैमाने पर प्रभावित नहीं किया है, लेकिन अगर वायरस के व्यवहार या महामारी की गति में बदलाव आता है तो यह बढ़ सकता है. ऐसी किसी स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां की जा रही हैं.

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