नई दिल्ली/दि.१०- राजस्थान में सचिन पायलट की अगुवाई वाले असंतुष्ट खेमे और सीएम अशोक गहलोत के बीच सुलह होने के संकेत मिल रहे हैं. इन संकेतों के बीच भाजपा ने भी अपने विभिन्न विकल्पों पर विचार मंथन शुरू कर दिया है. भाजपा 14 अगस्त को विधान सभा सत्र शुरू होने से पहले एकजुटता प्रदर्शित करने की कोशिश में जुट गई है. अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सुलह की खबर के बीच बीजेपी विधायक दल के नेता गुलाब चंद कटारिया ने गहलोत सरकार को लेकर बहुत बड़ा दावा किया है. कटारिया ने कहा है कि कांग्रेस में एकता होगी भी तो अस्थाई रहेगी और सरकार देर-सबेर गिर जाएगी. कटारिया ने बताया कि भाजपा विधायकों की बैठक मंगलवार को बुलाई गयी है. भाजपा के सूत्रों ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जयपुर में होने वाली बैठक में शामिल हो सकती हैं. वह पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में राष्ट्रीय नेताओं से मुलाकात कर रही हैं. सूत्रों के मुताबिक राजस्थान में गहलोत सरकार के खिलाफ पायलट खेमे के 18 विधायकों की बगावत के बाद प्रदेश में भाजपा की रणनीति को लेकर विश्वास में नहीं रखे जाने से राजे के नाखुश हैं.सूत्रों की मानें तो बीजेपी नेताओं का कहना है कि मतभेद हो सकते हैं लेकिन अब सब एक साथ हैं. जहां ऐसा लगता है कि गहलोत के पास विधानसभा में बहुमत है, वहीं भाजपा नेताओं के अनुसार उनकी रणनीति छह बसपा विधायकों के भविष्य पर निर्भर करेगी, जिनके कांग्रेल में विलय को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई है और शीर्ष अदालत इस विषय पर मंगलवार को सुनवाई करेगी.
कटारिया ने कहा कि अगर गहलोत सरकार गिरती है तो यह कांग्रेस के आंतरिक कलह के कारण होगा और अगर यह चलती है तो यह नाराज गुटों के बीच किसी तरह की सुलह की वजह से होगा. उन्होंने भरोसा जताया कि गहलोत सरकार गिरेगी, आज नहीं गिरी तो कुछ महीने में यह गिर जाएगी.