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राज्य सरकार के दावे की केंद्र ने हवा निकाली

महाराष्ट्र को मिला सबसे ज्यादा कोयला

* केंद्रीय कोयला मंत्रालय की जानकारी
नई दिल्ली /दि.18- केंद्र सरकार से कोयले की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने से महाराष्ट्र में बिजली का संकट पैदा हो गया है. यह दावा राज्य सरकार द्बारा किया जा रहा है. लेकिन केंद्रीय कोयला मंंत्रालय ने राज्य सरकार के इस दावे की हवा निकालते हुए मार्च महीने की तुलना मेें अप्रैल महिने में महाराष्ट्र को सबसे ज्यादा कोयला दिया गया. ऐसा केंद्रीय कोयला मंत्रालय ने कोयला आपूर्ति का ब्यौरे समेत स्पष्ट कर राज्य सरकार के आरोप की हवा निकाली.
राज्य के कुछ प्रकल्पों में केवल 3 से 6 दिन चलेगा इतना ही कोयला उपलब्ध रहने व लगातार केंद्र से कोयले का स्टॉक मांगने के बाद भी नहीं मिलने का आरोप राज्य के उर्जा मंत्री नितीन राउत ने किया था. लेकिन केंद्रीय कोयला मंत्रालय ने सबसे ज्यादा कोयला महाराष्ट्र को ही देने की जानकारी देकर नितीन राउत के आरोप का खंडन किया.
महाराष्ट्र थर्मल पॉवर प्रकल्प को वर्ष 2021-22 में 70.77 दशलक्ष टन इतने कोयले की आपूर्ति की गई. उसके बाद डिमांड बढने से इस प्रकल्प को अतिरिक्त कोयला आपूर्ति की गई. ऐसा केंद्रीय उर्जा मंत्रालय ने स्पष्ट किया. इस वर्ष मार्च में राज्य के कोयल प्रकल्प को डेली 2.14 लाख टन कोयल वितरित किया गया. अप्रैल महिने के 11 तारीख तक डेली 2.76 लाख टन कोयला आपूर्ति हुई है.

* नितीन राउत के आरोप निराधार
केंद्र सरकार को बार-बार कहने के बाद भी राज्य को पर्याप्त कोयला नहीं मिल रहा. यह आरोप राज्य के उर्जा मंत्री नितीन राउत ने किया था. लेकिन राज्य में लोडशेडिंग रोखने में नाकाम हुए सरकार द्बारा अपनी नाकामी छिपाने के लिए केंद्र सरकार पर उंगलियां उठाई जा रही है. राज्य को सबसे अधिक कोयला मिलने के बाद भी उसका नियोजन नहीं किया गया और केंद्रीय कोयला मंत्रालय की ओर ही उंगलियां दिखाई जा रही है. यह उचित नहीं है, ऐसा केंद्रीय कोयला मंत्रालय ने स्पष्ट किया.

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