मार्केट प्लेस मॉडल के जरिए कंपनी ने एफडीआई और टैक्स नियमों को तोड़ा
फ्लिपकार्ट पर कैट का बड़ा आरोप
नई दिल्ली/दि.२१ – व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने वालमॉर्ट के स्वामित्व वाली ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट पर एफडीआई और टैक्स नियमों के उल्लंघन बड़ा आरोप लगाया है. कैट ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर जांच की मांग की है.
कैट के मुताबिक फ्लिपकार्ट ने इंवेंट्री और रिटेल प्राइज को नियंत्रित करने के लिए अपने बिजनेस मॉडल की रीस्ट्रक्चिगं की है. इसी रिस्ट्रक्चरिंग में एफडीआई और टैक्स नियमों का उल्लंघन किया गया है. कैट ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को लिखे पत्र में कहा है कि फ्लिपकार्ट अपने मार्केट प्लेस बिजनेस मॉडल की आड़ में यह सब कर रही है. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने भारत सरकार और टैक्स अधिकारियों से तत्काल जांच और सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा है.
-
फ्लिपकार्ट का जवाब प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी
इस मामले में फ्लिपकार्ट के प्रवक्ता ने बताया कि फ्लिपकार्ट मार्केटप्लेस में टेक्नोलॉजी और इनोवेशन का उपयोग किया गया है. इसके जरिए 30 करोड़ से ज्यादा कस्टमर और लाखों विक्रेताओं व एमएसएमई उद्योगों के बीच खरीदने व बेचने की सुविधा विकसित की गई है. यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और कुशल है. प्रवक्ता ने कहा हम फ्लिपकार्ट मार्केटप्लेस पर 3 लाख से अधिक विक्रेताओं और सेलर पार्टनर्स के साथ भारत के एफडीआई और नियामक ढांचे के अनुरूप आजीविका के नए अवसर और रोजगार पैदा करते हुए पूरी पारदर्शिता के साथ काम करना जारी रखेंगे.
CAIT ने उल्लेख किया कि वर्ष 2019 में एफडीआई के ई-कॉमर्स नियमों से बचने के लिए Flipkart ने ऑथराइज्ड डीलर और डायमंड सेलर्स को मिलाकर एक टू-टियर मॉडल बनाया था. वर्तमान में 20 DS और 10 AD हैं. इन 30 संस्थाओं को फ्लिपकार्ट की इन्वेंट्री और कीमतों पर नियंत्रण देने के एकमात्र उद्देश्य के लिए बनाया गया है. फ्लिपकार्ट और इनके द्वारा की पूरी तरह से अवैध गतिविधियां संचालित की जा रही है. दोनों की आड़ में फ्लिपकार्ट सरकार की आंखों में धूल झोंक रही है.
वर्ष 2018 में, वॉलमार्ट इंक ने फ्लिपकार्ट में 77 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए 16 बिलियन अमरीकी डालर का निवेश किया था. पिछले साल, अमेरिकी रिटेल दिग्गज ने भारतीय ई-कॉमर्स कंपनी में 1.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के फंडिंग राउंड का भी आयोजन किया था.