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कोर्ट ने किया मंदिर खोलने से इन्कार

कोरोना को लेकर स्थिति नहीं सुधरने की बात कही

  • कहा – हालात सुधरने पर सबसे पहले कोर्ट खुलेंगे

हिं.स./दि.१४

मुंबई – राज्य में कोरोना को लेकर हालात सुधर गये है, अत: राज्य के सभी धार्मिक स्थलों व मंदिरों को खुलने की अनुमतति दी जानी चाहिये, इस बात से मुंबई उच्च न्यायालय ने अपनी असहमति दर्शायी है. साथ ही कहा है कि, यदि हालात सुधर जाते है तो राज्य में सबसे पहले न्यायमंदिर के दरवाजे खुलेंगे. बता देें कि, राज्य में १५ से २३ अगस्त के दौरान पर्यूषण पर्व है. अत: जैन मंदिरों को खोले जाने का आदेश राज्य सरकार को दिया जाये. साथ ही अब कोरोना को लेकर हालात पूरी तरह से नियंत्रित है. अत: सभी धार्मिक व प्रार्थना स्थलों को भी खोला जाये. इस आशय की मांग एसोसिएशन फॉर एडींग जस्टीस नामक संस्था द्वारा दायर जनहित याचिका में की गई थी. जिसके संदर्भ में मुख्य न्यायमूर्ति दिपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति सुरेेंद्र तावडे की खंडपीठ के समक्ष वीडियो कांफ्रेंqसग के जरिये हुई. इस समय मुख्य न्यायमूर्ति ने कहा कि, जैन मंदिरों को खोलने के निवेदन संदर्भ में एक जनहित याचिका पर कल ही एक अन्य खंडपीठ ने आदेश जारी किया है. ऐसे में दुबारा इस तरह की याचिका दायर करने का कोई औचित्य नहीं. साथ ही अदालत ने इस बात से भी असहमति दर्शायी की अब कोरोना को लेकर हालात नियंत्रित हो चुके है. अदालत का कहना रहा कि, अगर हालात सुधर जाते है तो सबसे पहले न्यायमंदिर को पहले की तरह खोला जायेगा और उसके बाद ही अन्य सभी मंदिरों व धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति दी जायेगी.

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