निजी अस्पताल में शव को चूहों ने कुतरा
परिजनों द्वारा हंगामा किए जाने पर कलेक्टर ने दी मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश
इंदौर/दि.२१– इंदौर में एक निजी अस्पताल में एक मृत वृद्ध का शव चूहों द्वारा कुतरने का मामला सामने आया है. परिजनों द्वारा हंगामा किए जाने के बाद कलेक्टर ने इस घटना की मजिस्ट्रियल जाँच के निर्देश दिए हैं.
प्राप्त जानकारी के अनुसार इतवारिया बाजार में रहने वाले रहने वाले नवीन चंद जैन (87 साल) को परिजनों ने अन्नपूर्णा में स्थित यूनिक अस्पताल में भर्ती कराया था. जैन को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. अस्पताल प्रबन्धन ने जैन को कोविड वार्ड में भर्ती कर इलाज कर रहा था. रविवार रात को उनकी मौत हो गयी.
अस्पताल प्रबन्धन की तरफ से रात 3 बजे परिजनों को इसकी सूचना दी गई. सोमवार दोपहर 12 बजे परिजन जब अस्पताल पहुंचे तो प्रबन्धन ने एक लाख का बिल थमा दिया. बिल का पेमेंट करने के बाद शव दिया गया. शव देखकर परिजनों के होश उड़ गए. शव के चेहरे और पैर में गंभीर घाव थे.
अस्पताल के बाहर रखकर हंगामा किया. मौके पर पहुंची पुलिस ने समझाइश दी. वही कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी मनीष सिंह ने इंदौर के यूनिक हास्पिटल में बुजुर्ग की मौत के बाद शव के साथ हुई घटना पर मजिस्ट्रियल इंक्वायरी का आदेश दिया है. कलेक्टर सिंह ने इन्क्वायरी के लिए एडीएम अजय देव शर्मा को अधिकृत किया है. शव की दुर्गति का वीडियो सोमवार को सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासन ने मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश दिया है. इस वीडियो में सफेद कफन में पूरी तरह लिपटे शव के चेहरे और पैर की जगह पर घाव नजर आ रहे हैं. वीडियो में विलाप करते एक परिजन की आवाज सुनायी पड़ रही है, ये देखिये, हमें यूनिक हॉस्पिटल से जो लाश दी जा रही है, उसे चूहे ने कुतर दिया है.
अधिकारियों ने बताया कि मृतक की पहचान नवीनचंद्र जैन (87) के रूप में हुई है. कोविड-19 की रोकथाम के लिए इंदौर जिले के नोडल अधिकारी अमित मालाकार ने बताया, कोविड-19 के इस मरीज ने यूनिक हॉस्पिटल में इलाज के दौरान रविवार रात दम तोड़ा. मरीज को उसकी गंभीर हालत के चलते ऑक्सीजन भी दी जा रही थी. कोरोना वायरस संक्रमण काल के दौरान इंदौर के अस्पतालों में शवों की दुर्गति का यह कोई पहला मामला नहीं है. शहर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय के मुर्दाघर में एक वयस्क व्यक्ति की लावारिस लाश के सड़कर कंकाल में बदल जाने का मामला पांच दिन पहले सामने आया था. यह मामला शांत भी नहीं हुआ था कि इसी अस्पताल में मुर्दाघर में पांच महीने के बालक के शव को कथित तौर पर छह दिन तक गत्ते के बक्से में बंद कर रखे जाने के प्रकरण का खुलासा हुआ था.