नई दिल्ली /दि. 3– शिक्षा मंत्रालय के यूडीआयएसई द्बारा दिए गये आंकडों के अनुसार साल 2023-24 में देश की शालाओं की पटसंख्या पिछले वर्ष की तुलना में 37 लाख कम हुई है.
युनिफाइड डिस्ट्रीक्ट इन्फार्मेशन सिस्टीम फॉर एज्युकेशन (यूडीआयएसई) प्लस यह देशभर की शालेय शिक्षा का डेटा एकत्रित करने के लिए शिक्षा मंत्रालय के अख्तियार में डेटा एकत्रीकरण प्लॅटफार्म हैं. उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, आसाम, उडीसा, आंध्रप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड व राजस्थान जैसे राज्यों में उपलब्ध शालाओं में पंजीयन करनेवाले विद्यार्थियों का प्रतिशत अधिक है. जिसकी वजह से उपलब्ध शालाओं का उपयोग कम होता है. तेलंगना पंजाब, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडू, दिल्ली और बिहार जैसे राज्यों में लेनेवाले विद्यार्थियों की तुलना में उपलब्ध शालाओं का प्रमाण कम है, ऐसा रिपोर्ट में कहा गया है.
* रिपोर्ट में क्या है ?
1. 2022- 23 में पंजीकृत विद्यार्थियों की संख्या 25, 17 करोड थी. साल 2023-24 की आंकडेवारी 24.80 करोड थी.
2. 2022-23 की तुलना में 2023-24 में छात्राओं की संख्या 16 लाख घटी तथा छात्रों की संख्या 21 लाख कम हुई.
3. कुल पटसंख्या में अल्पसंख्यांकों का प्रमाण 20 फीसदी था. अल्पसंख्यांकों में 79.6 फीसदी मुस्लिम, 10 फीसदी क्रिश्चन, 6.9 प्रतिशत सिख, 2.2 प्रतिशत बौध्द, 1.3 प्रतिशत जैन और 0.1 फीसदी फारसी थे.
4. 2023-24 तक 11.7 करोड से अधिक विद्यार्थियों को आधार क्रमांक दिए गये.