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भगवान राम और हनुमान जी के मंदिरों का दस्तावेजीकरण किया जाएगा

योगी सरकार का फैसला

लखनऊ दि १- उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश भर के भगवान राम और हनुमान जी के मंदिरों का दस्तावेजीकरण करेगी और इन मंदिरों का ब्यौरा संबंधित जिलों के गजेटियर में प्रकाशित भी किया जाएगा. राम मंदिर निर्माण, अयोध्या में दीप-दीपावली, मथुरा में होली और विन्ध्याचल के विकास जैसे मुद्दों के बाद, योगी सरकार ने वाल्मीकि जयंती के मौके पर विकास खंड स्तर तक के श्रीराम व हनुमान मंदिरों का दस्तावेजीकरण कराने और जनपदों से प्राप्त तथ्यों तथा विवरण को गजेटियर में प्रकाशित कराने का फैसला किया है.

  • उत्तर प्रदेश में भारतीय संस्कृति के कई मूल तत्व एवं मान्यताएं हैं सुरक्षित

महर्षि बाल्मीकि द्वारा वर्णित स्थल जिन्हें राम जानकी मार्ग, राम वन गमन मार्ग आदि के रूप में जाना जाता है, सम्पूर्ण भारत वर्ष में लगभग 280 स्थलों के रूप में आज भी विद्यमान हैं. उत्तर प्रदेश में भी राम वन गमन मार्ग और राम जानकी मार्ग के अंतर्गत अनेक स्थल विद्यमान हैं जहां भारतीय संस्कृति के मूल तत्व एवं मान्यताएं सुरक्षित हैं. बताते चलें कि हिन्दुत्व के एजेंडे पर कायम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बजट 2019 में भी हिंदुत्व की धार दिखी थी और योगी ने अपने बजट में धार्मिक स्थलों के लिए पिटारा खोल दिया था.

  • योगी सरकार अपने सांस्कृतिक व धार्मिक एजेंडे पर कायम

योगी सरकार ने अपने धार्मिक व सांस्कृतिक एजेंडे पर कायम रहकर और इसे आगे बढ़ाते हुए महर्षि वाल्मीकि जयंती के मौके पर रामायण पाठ का आयोजन जिलाधिकारियों के निर्देशन में कराया. सभी 75 जिलों में श्रीराम मंदिर, हनुमान मंदिर, वाल्मीकि मंदिर व अन्य मंदिरों में रामायण पाठ के आयोजन किये गये, साथ ही बाल्मीकि समाज के साथ अन्य समाज के लोगों को सम्मानित एवं पुरस्कृत भी किया गया. साथ ही प्रत्येक जनपद में श्रीराम मंदिर, हनुमान मंदिर, वाल्मीकि मंदिर व अन्य मंदिरों तथा रामायण स्थलों पर दीपदान तथा अन्य सामूहिक आयोजन किये गये.

  • जल्दी ही सरकार चित्रकूट के लिए कर सकती है बड़ी योजनाओं का एलान

योगी सरकार जल्द ही महर्षि वाल्मीकि व गोस्वामी तुलसीदास की कर्मस्थली चित्रकूट के लिए बड़ी योजनाओं का एलान कर सकती है. महर्षि वाल्मीकि आदि कवि हैं और उनकी कालजयी कृति रामायण महाकाव्य भगवान श्रीराम के समकालीन मानी जाती है. निदेशक संस्कृति शिशिर के मुताबिक सरकार ने प्रत्येक जिले में ब्लाक स्तर तक श्रीराम मंदिर व हनुमान मंदिर का दस्तावेजीकरण करने का फैसला किया है. इसके लिए नाम, पते व जीपीएस लोकेशन के साथ पूरी जानकारी मांगी गई है. जिलों से प्राप्त तथ्यों व विवरण को गजेटियर के रूप में भी प्रकाशित किया जाएगा. इसके अलावा संस्कृति विभाग एक ‘ग्लोबल इन्साइक्लोपीडिया ऑफ द रामायण’ तैयार कर रहा है.

  • उत्तर प्रदेश में उपलब्ध देव स्थानों, राम जानकी व राम वन गमन मार्ग का होगा सौंदर्यीकरण व विकास

इसी तरह वाल्मीकि रामायण में वर्णित राम-जानकी मार्ग व राम वन गमन मार्ग का भी का भी डेटाबेस तैयार करने की योजना है. सरकार इन दोनों ही मार्गों व प्रमुख स्थलों के सौंदर्यीकरण व विकास की भी योजना बना रही है. निदेशक ने बताया कि महर्षि वाल्मीकि के मानव मूल्यों, समाज मूल्यों व राष्ट मूल्यों की शिक्षाओं के प्रचार-प्रसार के लिए कार्ययोजना तैयार कर सरकार काम करने जा रही है. वाल्मीकि मंदिरों केसौंदर्यीकरण व उनके विकास की योजना भी उसमें शामिल है.

  • योगी सरकार के 2019 के बजट में दिखी थी हिन्दुत्व के एजेंडे की धार

बताते चलें कि, इसके पहले भी अपने 2019 के बजट में योगी सरकार ने हिन्दुत्व के एजेंडे को धार देते हुए आधा दर्जन धार्मिक योजनाओं का एलान करने के साथ गौवंश पर भी खासा पैसा आवंटित किया था. जिसमें बृजतीर्थ में अवस्थापना सुविधाओं के लिए 125 करोड़ रुपए की व्यवस्था किया था. जबकि अयोध्या में प्रमुख पर्यटन स्थलों के समेकित विकास के लिए 101 करोड़ रुपए की व्यवस्था व गढ़मुक्तेश्वर के पर्यटन स्थलों के विकास के मद में 27 करोड़ रुपये की व्यवस्था किया था. बजट में प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में लहर तारा तालाब कबीर स्थल एवं गुरु रविदास की जन्म स्थली सीर गोवर्धनपुर का सुदृढ़ीकरण किया जाना प्रस्तावित किया गया था. प्रयागराज में ऋषि भरद्वाज आश्रम और लखनऊ में बिजली पासी किले का विकास किया जाना प्रस्तावित किया गया था. बनारस के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में वैदिक विज्ञान केंद्र के लिए 16 करोड़ रुपये दिए गए थे.

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