ओमिक्रॉन से आई तीसरी लहर तो प्रतिदिन 14 लाख कोविड के मामले आएंगे सामने
एक्सपर्ट की चेतावनी
नई दिल्ली/दी. १८- कोरोना वायरस का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन इस समय पूरी दुनिया के सामने एक बड़ी परेशानी बना हुआ है. ओमिक्रॉन की वजह से कोविड की तीसरी लहर का खतरा बढ़ गया है जिसके बाद भारत समेत तमाम देश एक बार फिर से यात्रा प्रतिबंध जैसे कदम उठा रहे हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मनना है कि ओमिक्रॉन (डेल्टा की तुलना में कम गंभीर होगा लेकिन यह कोविड की तीसरी लहर का बड़ा कारण बन सकता है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगले एक से दो महीने में ओमिक्रॉन ज्यादा खतरनाक हो सकता है क्योंकि अब कई देशों में इसका बड़ा असर दिखने लगा है.इस समय कई यूरोपीय देशों में ओमिक्रॉन (Omicron in Europe की वजह से कोविड के मामलों में अचानक तेजी आई है. की देशों ने ओमिक्रॉन के संक्रमण से बचने के लिए बच्चों समेत अपने नागरिकों को कोविड की बूस्टर डोज (Covid-19 Vaccine Booster Dose) देना शुरू कर दिया है. इस बीच भारत में भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी ओमिक्रॉन वायरस (Omicron Virus) से लड़ने के लिए बूस्टर खुराक और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने पर जोर दिया है
दो से तीन महीनें में दिख सकता है असर
अगर एक्सपर्ट की मानें तो ओमिक्रॉन कोविड के डेल्टा वेरिएंट की तुलना में कम गंभीर है और अभी तक इस वायरस का कोई गंभीर मामला सामने नहीं आया है. लेकिन इसकी संचरण दर स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए एक बड़ी चिंता बना हुआ है. पल्मोनोलॉजी के अध्यक्ष डॉ जीसी खिलनानी ने कहा, “हमने पश्चिमी यूरोप में फैलने से 3-4 महीने के अंतराल के बाद भारत में कोविड -19 को फैला हुआ देखा है, इसलिए हमें उतनी ही सतर्क रहने की जरूरत है जितनी हम दूसरी लहर में थे.
बूस्टर खुराक देने की उठी मांग
उन्होंने कहा कि संक्रमण से बचने के लिए दिया जाने वाला टीके भी क्षमता भी बीतते समय के साथ कम हो जाती है. इसलिए अब समय आ गया है कि कॉमरेडिडिटी वाले लोगों को कोविड की बूस्टर खुराक देने की नीति की घोषणा की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि यूरोपीय देशों में ओमिक्रॉन और कोविड के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं तो हो सकता है कि आने वाले कुछ महीनों में भारत में भी इस वेरिएंट का असर दिखे.