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जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं

घरों में बुजुर्ग बच्चों को कहानियां सुना रहे यह परंपरा खत्म हो रही

नई दिल्ली/दि.२७ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ६९ वीं बार मन की बात कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने लोगों को कोरोना से बचाव में पूरी सावधानी रखने की सलाह दी. बच्चों को कहानी सुनाने की परंपरा खत्म होने पर चिंता जताई. किसानों को भरोसा दिया कि कृषि बिलों से उनका नुकसान नहीं, फायदा होगा. उन्हें जहां ज्यादा कीमत मिलेगी अपनी फसल-फल वहीं बेंच सकेंगे. आखिरी में महात्मा गांधी, लालबहादुर शास्त्री, जयप्रकाश नारायण और राजमाता सिंधिया के योगदान को याद किया. इन सभी हस्तियों का अगले महीने जन्मदिन है. कोरोना के कालखंड में दो गज की दूरी जरूरी बन गई है. इस दौरान कई परिवारों को दिक्कतें भी आईं. परिवार के बुजुर्गों ने बच्चों को कहानियां सुनाकर समय बिताया. कहानियां संवेदनशील पक्षों को सामने लाती हैं. जब मां बच्चे को खाना खिलाने के लिए कहानी सुनाती है, उसे देखना दिलचस्प होता है.
हमारे यहां तो हितोपदेश, पंचतंत्र जैसी कहानियों की परंपरा रही है.दक्षिण भारत में ही ऐसी परंपरा है, जिसे विल्लूपाट कहते हैं. कई लोग इसे आगे बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं.
परिवार में हर हफ्ते कहानियों के लिए समय निकालिए. इसके लिए करुणा, वीरता, प्रेम जैसे विषय भी निर्धारित कीजिए.
मैं हर स्टोरी टेलर से कहना चाहता हूं कि हम आजादी का 75 वां साल मनाने जा रहे हैं. आजादी से लेकर अब तक की घटनाओं को
हमारे यहां कहा जाता है कि जमीन से जुड़ा व्यक्ति बड़े से बड़े तूफानों में अडिग रहता है. कोरोना के संकट काल में किसानों ने दमखम दिखाया है. ये मजबूत होंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत होगी.
मुझे कई किसानों, संगठनों की चिट्ठियां मिलती हैं कि खेती में कैसे बदलाव आ रहे हैं? हरियाणा के किसान कंवर चौहान ने बताया कि उन्हें मंडियों से बाहर फल-सब्जी बेचने में दिक्कत आती थी. गाडिय़ां जब्त हो जाती थीं. 2014 में एपीएमसी एक्ट में बदलाव हुए, उन्होंने एक समूह बनाया. अब उनकी चीजें फाइव स्टार होटलों में सप्लाई हो रही हैं. ढाई से तीन करोड़ सालाना कमा रहे हैं. यही ताकत देश के दूसरे किसानों की ताकत है.
गेहूं, धान, गन्ना या किसी भी फसल को जहां मर्जी हो, वहां बेचने की ताकत मिल गई है. पुणे, मुंबई में किसान साप्ताहिक बाजार खुद चला रहे हैं. इसका सीधा लाभ होता है. नए किसान बिल से किसानों को फायदा होगा. जहां अच्छे दाम मिलेंगे, किसान वहीं फल-सब्जियां बेचेगा.
आने वाले महीने में हम कई महान विभूतियों की जयंती मनाएंगे. 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी और लालबहादुर शास्त्री की जयंती है. बापू के आर्थिक चिंतन में भारत की नस-नस की समझ थी. उनका जीवन यही बताता है कि हमारा कार्य ऐसा हो कि गरीब से गरीब व्यक्ति का भला हो, शास्त्री जी का जीवन विनम्रता और सादगी का संदेश देता है.
11 अक्टूबर को जयप्रकाश नारायण (जेपी) और नानाजी देशमुख की जयंती है. जब जेपी भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष कर रहे थे, तब पटना में उन पर हमला हुआ, जिसे नानाजी ने अपने ऊपर ले लिया.12 अक्टूबर को राजमाता विजयाराजे सिंधिया का जन्मदिन है. राजपरिवार से होने के बावजूद उन्होंने अपना जीवन लोगों के लिए समर्पित कर दिया.

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