नई दिल्ली/दि.२– आसमान में भारत की ताकत को बढ़ाने के उद्देश्य से बुधवार का दिन बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारतीय वायुसेना और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के बीच 3 फरवरी को 83 स्वदेशी तेजस विमान के लिए डील पर हस्ताक्षर होने वाले हैं. एयरफोर्स के अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि मेगा कॉन्ट्रैक्ट पर बंगलूरू के एयरो इंडिया एयर शो में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भारतीय वायुसेना के शीर्ष अधिकारियों और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए जाएंगे.
इस शक्तिशाली विमानों के लिए हुई डील में 73 एमके-1 लड़ाकू विमान और 10 एलसीए एमके-1 ट्रेनर विमान शामिल हैं. बता दें कि भारतीय वायु सेना पहले 40 लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट की डील कर चुका है. इसी के साथ भारतीय वायु सेना के लिए कुल 123 तेजस विमानों की डील हुई है.
वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत अपनी रक्षा के लिए दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रह सकता. सिंह ने बंगलूरू में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की दूसरी एलसीए-तेजस निर्माण सुविधा का उद्घाटन किया.
उन्होंने इस अवसर पर कहा कि भारत आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत अपनी रक्षा उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में तत्पर है. उन्होंने कहा कि भारत अपनी रक्षा के लिए दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रह सकता.
तेजस में एक साथ 9 तरह के हथियार लोड और फायर किए जा सकते हैं. यह एयरक्राफ्ट एंटीशिप मिसाइल, बम और रॉकेट से लैस है. तेजस पर हवा से हवा, हवा से धरती और हवा से पानी पर हमला करने वाले हथियार लोड कर सकते हैं. तेजस में जैमर सुरक्षा तकनीक है ताकि किसी दुर्गम क्षेत्र में कम्युनिकेशन बंद न हो.
यह एक सुपरसोनिक फाइटर जेट है, जो 15 किलोमीटर की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है. तेजस को 42 फीसदी कार्बन फाइबर, 43 फीसदी एल्यूमीनियम एलॉय और टाइटेनियम से बनाया गया है.