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सारा खेल 19 से 27 जुलाई के बीच हुआ

ठाकरे गुट के वकील सिब्बल ने संविधान पीठ को बताई ‘राजनीति’

नई दिल्ली दि.23– हमने निर्वाचन आयोग से निवेदन किया था कि, पहले सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय होने दिया जाए, फिर आयोग द्बारा अपना फैसला सुनाया जाए. परंतु आयोग ने ऐसा नहीं किया और ठाकरे गुट के हितों की पूरी तरह से अनदेखी करते हुए शिंदे गुट के पक्ष में एकतरफा फैसला दिया. इस आशय का युक्तिवाद करते हुए ठाकरे गुट की ओर से कपील सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ को बताया कि, पूरा खेल 19 से 27 जुलाई के बीच हुआ है और इस पूरे मामले में अच्छी खासी राजनीति भी हुई है. जिसके तहत न्यायालय के आदेश का दुरुपयोग करते हुए पार्टी से अलग हुए गुट को पार्टी के तौर पर मान्यता दी थी. यह सीधे-सीधे अन्यायकारक फैसला है.

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