भारत में जनसंख्या विस्फोट की स्थिति नहीं, महाराष्ट्र में तेजी से घट रही जन्मदर
राष्ट्रीय आयोग की रिपोर्ट में सामने आया तथ्य
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2036 में 152 करोड़ पर स्थिर होने की संभावना
नई दिल्ली/दि.11 – भारत में जनसंख्या विस्फोट के हालात नहीं है. इसके विपरीत देश के कई राज्यों में जनसंख्या की वृद्धि दर तेजी से लुढक रही है.
सरकार से जुड़े सूत्रों के अनुसार जनसंख्या वृद्धि का ट्रेंड अब स्थिर होने लगा है. साक्ष्य इस बात को प्रमाणित नहीं करते कि आगे जनसंख्या में तीव्र वृद्धि हो सकती है. इस संदर्भ में तकनीकी समूह ने भारत और राज्यों में जनसंख्या अनुमानः2011-36 के शीर्षक वाली रिपोर्ट जारी की, जिसमें वर्ष 2036 तक अनुमानित जनसंख्या के आंकड़े बताए गए हैं. इस रिपोर्ट के अनुसार 2036 तक भारत की जनसंख्या 152.20 करोड़ तक पहुंच सकती है. जनसंख्या पर राष्ट्रीय आयोग द्वारा तैयार यह रिपोर्ट कहती है कि 2011 की जनगणना के अनुसार 121.10 करोड़ की जनसंख्या में वर्ष 2036 तक 31 करोड़ का इजाफा हो सकता है.
देश में जन्म दर में वर्ष 2003 के बाद से निरंतर गिरावट दर्ज की जा रही है और यह वर्ष 2019 तक 24.8 प्रति हजार से घटकर 19.7 प्रति हजार तक आ गई है. यह खुलासा रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना कमिश्नर ने किया है. खुशी की बात यह भी है कि 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से महाराष्ट्र समेत 26 राज्यों में जनसंख्या वृद्धि में भारी गिरावट दर्ज की गई है.
महाराष्ट्र में असिद्ध जन्म दर (क्रूड बर्थ रेट-सीबीआर) राष्ट्रीय औसत (15.3) से बेहद कम तथा गोवा की 12.3 जितनी है. पंजाब, जिसे समृद्ध राज्य समझा जाता है, वहां भी जनसंख्या वृद्धि दर 14.4 है. हालांकि हरियाणा में यह आंकड़ा 20.1 का है तथा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 14.4 है.
यूपी,बिहार,असम में उच्च वृद्धि दर
देश के कुछ राज्यों में जनसंख्या वृद्धि दर बढ़ रही है. उत्तर प्रदेश (25.4), बिहार (25.8), असम (21), झारखंड (22.3), मध्यप्रदेश (24.5) की दर चिंता बढ़ाने वाली है. पिछले दो दिनों के दौरान संसद में ये आंकड़े स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती पवार ने रखे हैं.
कुल प्रजनन दर में गिरावट
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा वर्ष 2019-21 में संचालित किए गए पांचवें राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार कुल प्रजनन दर (टीएफआर) में गिरावट आई है. यह वर्ष 2005-06 के 2.7 बच्चे प्रति महिला से घटकर अब 2 बच्चे प्रति महिला तक पहुंच गई है.