यह तीनों कानून इस देश के हर किसान की आत्मा पर आक्रमण
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर फिर बोला हमला
चंडीगढ़/दि.१७– कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नये कृषि कानूनों को लेकर शनिवार को केंद्र सरकार पर हमला जारी रखा और दावा किया कि ये कानून ”हर किसान की आत्मा पर आक्रमण” हैं तथा इस तरह के कानून ने देश की नींव को कमजोर किया है. उन्होंने कहा, ”ये तीनों कानून इस देश के हर किसान की आत्मा पर आक्रमण हैं, ये उनके (किसानों के) खून-पसीने पर आक्रमण हैं और इस देश के किसान एवं मजदूर इस बात को समझते हैं.
राहुल ने पंजाब और हरियाणा की अपनी हालिया यात्रा के दौरान नये कृषि कानूनों के खिलाफ की गई ‘ट्रैक्टर रैलियों” का जिक्र करते हुए कहा, ”मैं कुछ दिन पहले पंजाब और हरियाणा आया तथा हर किसान एवं मजदूर को मालूम है कि ये तीनों कानून उन पर आक्रमण हैं.
उन्होंने कहा कि वह इस बात को लेकर खुश हैं कि पंजाब सरकार ने केंद्र के इन नये कृषि कानूनों को लेकर 19 अक्टूबर को विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया है, जहां विधायक इन कृषि कानूनों के बारे में फैसला करेंगे. पंजाब में ‘स्मार्ट गांव अभियान’ के दूसरे चरण की शुरूआत पर डिजिटल संबोधन के दौरान उन्होंने यह कहा। इस अभियान के तहत करीब 50,000 विभिन्न विकास कार्यों के लिये 2,663 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं.
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, उनके मंत्रिमंडल के कुछ सहकर्मी भी इस अवसर पर मौजूद थे. राहुल ने नये कृषि कानूनों को लेकर भाजपा नीत केंद्र सरकार पर प्रहार करते हुए कहा, ”यदि हम देश की नींव (किसानों) को कमजोर करेंगे, तो भारत कमजोर हो जाएगा.
उन्होंने कहा, ”कांग्रेस पार्टी नींव की रक्षा करने और उसे मजबूत करने का काम करती है. यह हमारे और केंद्र सरकार के बीच अंतर है. वे (केंद्र) पंचायतों और लोगों को ध्यान में रखे बगैर शीर्ष स्तर से योजनाओं पर जोर देते हैं और उनके कानूनों ने भारत की नींव कमजोर कर दी है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ”यदि ये कानून किसानों और मजदूरों के हित में हैं, तो सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा में इन्हें पारित कराने से पहले चर्चा क्यों नहीं होने दी? वे चर्चा से क्यों डर गये थे? पूरा देश चर्चा देखता और यह फैसला करता कि क्या ये कानून किसानों के हित में हैं.
राहुल ने कहा, ”लेकिन लोकसभा और राज्यसभा में, हिन्दुस्तान के किसानों की आवाज दबा दी गई. मैं खुश हूं कि पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में किसानों और मजदूरों की आवाज सुनी जाएगी.
उल्लेखनीय है कि हाल ही में संसद के मॉनसून सत्र के दौरान कृषि से संबद्ध तीन विधेयक पारित किये गये थे और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी मिलने के बाद ये कानून बन गये हैं. कांगेस, कई विपक्षी दल और कई किसान संगठन इन नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. उनका दावा है कि ये किसानों के हितों को नुकसान और कॉरपोरेट को फायदा पहुंचाएंगे. हालांकि, सरकार ने इससे इनकार किया है.