जो हमारी थाली तक भोजन पहुंचाना नहीं भूलते, हम उन्हें कैसे भूल सकते
मोदी सरकार पर राहुल गांधी का हमला
नई दिल्ली/दि.२९– किसान आंदोलन के समर्थन में मोदी सरकार पर राहुल गांधी ने फिर तीखा हमला बोला और कहा जो हमारी थाली तक भोजन पहुंचाना नहीं भूलते, हम उन्हें कैसे भूल सकते है. वह हमारे लिए अन्न उगाएं और हम उनके लिए आवाज़ भी ना उठाए. राहुल ने यह बात देश भर के किसानों से वीडियो के ज़रिये बात चीत करने के बाद कही. कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक विभिन्न राज्यों के किसानों से रूबरू होते हुए राहुल ने पूछा कि सरकार ने जो कृषि क़ानून बनाया है उसके बारे में वे क्या सोचते हैं. चम्पारण बिहार के धीरेन्द्र किसान ने बताया कि यह क़ानून किसान को बर्बाद कर देगा. वहीं पंजाब के किसान सुनील सिंह का कहना था कि जब तक क़ानून में एमएसपी से नीचे खरीदी करनेवालों पर कानूनी शिकंजा कसने की बात शामिल नहीं होती तब तक यह क़ानून किसान के लिए फांसी की सज़ा से काम नहीं.
झझर हरियाणा के किसान ओम प्रकाश धनकड़ तो सरकार के किसान क़ानून की बात सुनते ही उबल पड़े. उन्होंने कहा कि हम इस क़ानून को नहीं मानते जब तक हमें एमएसपी की गारंटी नहीं मिल जाती. यवतमाल महाराष्ट्र के किसान अशोक भूतोड़ा का मानना था की इस कानून से अब कोई एमएसपी पर किसान की फसल नहीं खरीदेगा और जो उसका विरोध करेगा उस किसान को जेल जाना पड़ेगा.
भंडारा के पंकज तनिराम मटेरे का कहना था कि इस बिल से किसान अंबानी-अडानी का गुलाम बन जाएगा और वह उन्ही के रहमो करम पर अपनी खेती करेगा. लगभग एक घंटे की इस बातचीत में किसानों की ऐसी ही राय थी.
यह राय सुनने के बाद राहुल ने सरकार पर ज़ोरदार हमला बोला और कहा कि मोदी सरकार अपने धनी दोस्तों की जेब भरने के लिए किसानों और छोटे लोगों की कमाई पर डाका डाल रहे हैं. उन्होंने पहली चोट नोटेबंदी के ज़रिये की और अब यह क़ानून ला कर.किसान इस देश की रीढ़ है जिसमें युवा भी है, उद्यमी भी है, सेना भी है और पुलिस भी. राहुल का मानना था कि कृषि सम्बन्धी तीनों विधेयक, जीएसटी और नोटेबंदी में कोई अंतर नहीं है. इन तीनों के ज़रिये देश की रीढ़ पर हमला किया जा रहा है, उसे तोड़ा जा रहा है. पहले कुल्हाड़ी मारी और अब दिल में छुरा घोंप दिया गया है. इसके खिलाफ अब बाहर निकलने की ज़रुरत है , देश बचाना है तो सड़कों पर आना है.